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३४ __'परीक्षा कर लूँगा, पर राजसभा में | अकेली सुरुसुंदरी की ही नहीं वरन्, साथ ही साथ श्रेष्ठी धनावह के पुत्र अमरकुमार की भी परीक्षा मुझे कर लेनी है। पंडितजी की इच्छा भी यही है... मुझे उन्होंने कई बार कहा है... 'सुरसुंदरी और अमरकुमार मेरे श्रेष्ठ विद्यार्थी हैं, आप राजसभा में उनकी परीक्षा लें।' तुमने आज ठीक याद करवाया...।
रानी का मन आश्वस्त हुआ... राजा अपने मन में किसी समस्या का समाधान खोज रहे थे।
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