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जिंदगी इम्तिहान लेती है
१७९ नहीं करने चाहिए, इस सत्य को स्वीकार करेगा क्या? तू मानता है न कि माता-पिता का संबंध, भाई-बहन का संबंध, पति-पत्नी का संबंध, पिता-पुत्र का संबंध... हार्दिक... हृदय का संबंध होता है। निकट के मित्रों का संबंध भी हृदय का संबंध होता है। ऐसे व्यक्तियों के साथ बुद्धिवाद नहीं चाहिए। हमको हृदय से चाहनेवालों के साथ तर्कवाद नहीं चाहिए। ___ उस दिन मेरे सामने ही तूने अपनी माता के साथ कितना वाद-विवाद कर दिया था... याद है न? माता को तर्क-वितर्क से पराजित करके तू कितना प्रसन्न हो गया था? उस समय तेरी माता ने गंभीरता से... प्रसन्नता से और उदारता से अपना पराजय स्वीकार कर लिया था...! तेरे विजय से तेरी माता का पराजय ज्यादा महान् था! मैं तो उस समय मौन ही रहा था, परंतु उस समय तेरा बुद्धिवाद मुझे जरा सा भी पसंद नहीं आया था। ___ मैं जानता हूँ और मानता हूँ कि तेरे घर में तेरे जैसा बुद्धिमान कोई भी व्यक्ति नहीं है... परन्तु साथ ही, तेरे जैसा हृदयहीन मनुष्य भी तेरे घर में दूसरा नहीं है | बुरा मत मानना, तू शान्त दिमाग से सोचना कि तू कभी दूसरे स्नेही-स्वजनों की हार्दिक भावना को समझा है? उन स्नेही-स्वजनों के हृदय पर बौद्धिक प्रहार करते समय हिचकिचाया है कभी?
तू घर को क्या मानता है? घर कोई होटल है क्या? घर कोई मुसाफिरखाना है? घर के स्नेही-स्वजन क्या तेरे नौकर हैं? कई वर्षों से तेरी अनेक हरकतें घरवाले सहन करते आये हैं... और फिर भी तू उनके प्रति फरियादें ही करता रहा है! तेरा आक्रोश अभी तक शान्त नहीं हुआ है।
जिस प्रकार धन-संपत्ति का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए, जिस प्रकार समय और साधनों का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए, उसी प्रकार बुद्धि का भी दुरुपयोग नहीं करना चाहिए | जहाँ बुद्धि का उपयोग करने की आवश्यकता न हो, वहाँ उपयोग करना, यह दुरुपयोग है| जहाँ बुद्धि का अल्प उपयोग करने से काम चल जाता हो वहाँ अत्यधिक उपयोग करना, दुरुपयोग है। ऐसा दुरुपयोग नहीं होना चाहिए। बुद्धि के दुरुपयोग से अनेक परिवार नष्ट हुए हैं, बुद्धि के दुरुपयोग से समाज में अनेक उपद्रव पैदा हुए हैं, बुद्धि के दुरुपयोग से धर्मक्षेत्र में अनेक विवाद पैदा हुए हैं, और अनेक पंथ निकले हैं।
जाने दे इन बातों को, प्रस्तुत में है तेरी बात! तु दूसरों के हृदय को समझने का प्रयत्न कर | दूसरों की तेरे प्रति जो शुभकामनायें हैं, उन शुभकामनाओं का मूल्यांकन कर | तेरे जो स्नेही-स्वजन हैं, जिनको मैं भी जानता हूँ, उनकी
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