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नरके परमाधार्मिककृता पीडाविषये।
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नारयनेहेण कतयो देवा गच्छन्तीति विषये।
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चतुर्थचक्रवर्तिना कतयो रोगा सहिताः,
इति विषये। प्रकीर्णकविषये।
इन्द्रस्ट ख्याविषये।
[११] सत्तसु खित्तवियणा,
[संघ.सू.] सिंहादिरूपैविकृतैः,
[है./त्रि./पर्व/७] नैवं वो युध्यमानानां,
[है./त्रि./पर्व/७] दह्यमानास्त्रयोऽप्युच्चैः [है./त्रि./पर्व/७] [१२] सहसारंतियदेवा,
[पञ्चसंग्रहे] एवमाकर्ण्य सीतेन्द्रो, [हैमवीर/१० सर्गे] [१३] सोलसरोगायंका
[म.स. प्रकीर्णके] कंडू १ अभत्तसद्धा २, [ऋ.म.सूत्रे] [१४] चुलसीति सयसहस्सा, [भग.प्रान्ते]
विवाहपन्नत्तीए दोलक्खा, [नन्दीसूत्रे]
विवाहपन्नत्तीए चउरासीपयसहस्सा [समवाया)] [१५] नवमो आणयइंदो,
[देवेन्द्रस्तवे] एए बारस इंदा,
[देवेन्द्रस्तवे] [१६] इच्चेइयाई भंते ! चत्तारि [प्रज्ञा/१२ पदे]
चउन्हं खलु भासाणं, [दश./अ.७/१६गा.] तह उस्सगोज्जाया,
[प्रति.सामाचार्याम्] [१७] जहणणेण वि तिन्नि, [हा.आव.वन्दनिर्युक्तौ]
[पाक्षिकसूत्रवृत्तौ]
[प्र.सा.] [१८] समणं भगवं महावीरं [ ज्ञाता./अ.१]
ता एवं खलु जंबू ! [अनुत्तरो.सू.] [१९] असोगतरुपायवस्स
[उत्त./अ.२३] धायइपायवस्स अहे
[पार्श्वचरित्रे-कल्पसूत्रे]
भाषाविषये।
सम्बुद्धक्षामणाविषये !
श्रेणिकपुत्रविषये।
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पार्श्वप्रभुकेवलज्ञानविषये।
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