________________
कृष्णस्य स्त्रीविषये।
ratan-t.pm5 2nd proof
कुलकरविषये।
१९८ १९८ १९८ १९८
विजयादिदेवानां स्थितिविषये ।।
१९८
१९८
कृष्णजीवोऽममतीर्थङ्करविषये।
१९९
-
-
द्रौपदी कतिकल्पे गता, इति विषये ।
[२] सोलसदेवीसहस्सा
[प्रश्नव्याकरणे] रुप्पिणीपामोक्खाणं बत्तीसाए [ज्ञाताधर्मे] [३] पंचदस कुलगरा
[जम्बू.प्र.] पढमित्थविमलवाहण
[स्था./सम./सू.] [४] विजयवेजयंतजयंतअपराजियाणं भंते !
[सम.सू.] विजयवेजयंतजयंतअपराजिएसु णं भंते!
[ प्रज्ञापनायाम्] [५] कृष्णजीवोऽममस्त्रयोदशस्तीर्थङ्करो
[सम.सू.] इहेव जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे [अन्त.सू.] [६] द्रौपदी पञ्चमकल्पं गता। [ज्ञाताधर्मे]
आकर्ण्य तद्गुरुशुचो विमलाद्रिमीयुः [ हैम.नेमि.] पाण्डवानामनुप्रापुः,
[शत्रु माहा.] दोवई वि राइमईसगासे
[उत्त./अ.२] [७] पव्वइओ जो माया
[ऋषि.सू.] विविधाभिग्रहपूर्वं,
[हैमवीर.] [८] श्रुत्वा तां देशनां भर्तुः,
[हैमवीर.] एवं थुणित्ताण स रायसीहो, [उत्त./अ.२०/गा.५८] [९] ओहिनाणसुए बुद्धे,
[उत्त./अ.२३/गा.३] जेणेव सावत्थी णगरी
[राजप्रश्न्याम्] [१०] चेडियकोणिकजुज्झे
[श्रा.प्र.वृत्तौ] तत्थ णं दससहस्सा उ [भग./श.७/उ९]
१९९
अभयकुमारदेवलोकगमनविषये।
१९९ १९९ १९९
श्रेणिकसम्यक्त्वप्राप्तिविषये।
केशीगणधरज्ञानविषये।
१९९
चेटक-कोणिकयुद्धे मत्स्यगर्भे कतय
उत्पन्नाः , इति विषये।
००
०००