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मुक्ता सुक्ति मुद्रा
• जावंत के वि साहू सूत्र (मुक्तासुक्ति मुद्रा में यह सूत्र बोले) जावंत केवि साहू, भरहेरवय-महाविदेहे। सव्वेसिंतेसिंपणओ, तिविहेण तिदंड विरयाणं ॥१॥ • पंच परमेष्ठि नमस्कार सूत्र
(योग मुद्रा में) (यह सूत्र सिर्फ पुरूष ही बोले) नमोऽर्हत्-सिद्धाचार्यो-पाध्याय-सर्व
साधुभ्यः॥
सामान्य जिन स्तवन (योग मुद्रा में). चरण की सरण ग्रहुं... जिन तेरे.... चरण की सरण ग्रहुं.... हृदयकमल में ध्यान धरत हुं, शिर तुज आण वहुं....जिन तेरे ॥१॥
तुम सम खोळ्यो देव खलक में, पेख्यो नाहि कबहुं... जिन तेरे... ॥२॥
तेरे गुणो की जपुंजपमाला, अहनिश पाप दहुं.... जिन तेरे ॥३॥
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