SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 24
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ त्रिमंत्र ३८ त्रिमंत्र मोक्ष में जा पायें ऐसा सबकुछ पूछ सकते हैं, यदि पूछना चाहें तो। मन का समाधान हो तो मोक्ष में जा पायेंगे न? वर्ना मोक्ष में कैसे जा पायेंगे? भगवान के शास्त्र तो हैं सारे, मगर शास्त्र समझ में आने चाहिए न? अनुभवी ज्ञानीपुरुष के बिना वह समझ में आते ही नहीं और उलटे गलत मार्ग पर चले जाते हैं। प्रश्नकर्ता : नवकार मंत्र के जप किस लक्ष्य से करना चाहिए? दादाश्री : वह तो केवल मोक्ष के लक्ष्य से ही करना चाहिए। दूसरा कोई लक्ष्य नहीं होना चाहिए। 'मेरे मोक्ष के लिए करता हूँ' ऐसे मोक्ष के हेतु करेंगे तो सब प्राप्त होगा। और सुख के हेतु से करने पर अकेला सुख प्राप्त होगा, मोक्ष की प्राप्ति नहीं होगी। नवकार मंत्र तो मददकर्ता है, मोक्ष के लिए। नवकार मंत्र व्यवहार से है, निश्चय से नहीं है। यह नवकार मंत्र किसलिए भजना? ये पंच परमेष्टि भगवंत ही मोक्ष का साधन हैं। ये पाँचों सर्वश्रेष्ठ पद हैं। यही आपका ध्येय रखना। इन लोगों के पास भजना करना, इन लोगों के पास बैठे रहना और मरना हो तो वहीं मरना। हाँ, दूसरी जगह पर मत मरना। सिर पे आ पड़ना है तो इनके सिर पे आ पड़ना। अकर्मी के सिर पर पड़े, तो क्या से क्या हो जाये? मंत्रदाता की योग्यता प्रश्नकर्ता : वर्तमान युग में मंत्र साधना शीध्र फल क्यों नहीं देती? मंत्र में क्षति है कि साधक में कमी है? दादाश्री : मंत्र में क्षति नहीं है पर मंत्रों की व्यवस्था में क्षति है। मंत्र सारे निष्पक्ष होने चाहिए। पक्षपातवाले मंत्र फल नहीं देंगे। निष्पक्ष मंत्र साथ होने चाहिए। क्योंकि मन खुद ही निष्पक्ष की खोज में है, तभी उसे शांति होती है। भगवान निष्पक्ष होते हैं। इसलिए मंत्र साधना तभी फल देगी कि वह मंत्र देनेवाला शीलवान हो। मंत्र देनेवाला ऐसा-वैसा नहीं होना चाहिए, लोकपूज्य होने चाहिए। लोगों के हृदय में बैठे होने चाहिए। मंत्र से आत्मशुद्धि संभव है? प्रश्नकर्ता : संसार में नवकार मंत्र साथ देगा कि नहीं? दादाश्री : नवकार मंत्र साथ देगा ही न! वह तो अच्छी वस्तु है। प्रश्नकर्ता : उसे बोलने से आहिस्ता-आहिस्ता आत्मा की शुद्धि होगी? दादाश्री : पर हमें आत्मा की शुद्धि करने की ही नहीं है, क्योंकि आत्मा शुद्ध ही है। नवकार मंत्र तो आपको अच्छे लोगों को नमस्कार करने से उपर उठाता है। पर समझकर बोलें तब । इसलिए नवकार मंत्र का अर्थ समझना पड़ेगा। यह तो तोता 'राम राम' बोले, इससे कुछ 'राम' समझेंगे थोड़े ही? क्या तोता 'राम राम' नहीं बोलता? इसी तरह ये लोग नवकार मंत्र बोलते हैं इसका क्या अर्थ? नवकार मंत्र तो ज्ञानी पुरुष के पास समझना चाहिए। किस समझ से नवकार भनें? नवकार मंत्र क्या है, इसकी समझवाले कितने होंगे? वर्ना यह नवकार मंत्र तो ऐसा मंत्र है कि एक ही बार नवकार बोला हो तो उसका फल कई दिनों तक मिलता रहे। अर्थात् रक्षण दे ऐसा नवकार मंत्र का फल है। पर किसी ने एक भी नवकार सच्चे रूप में समझकर गिना नहीं है। यह तो जप जपा करते हैं पर सही जप किसी ने जपा ही नहीं है न! नवकार मंत्र तो आपको बोलना ही कहाँ आता है? यह तो ऐसे ही बोलते हैं। नवकारमंत्र बोलनेवाले को चिंता नहीं होती। नवकार मंत्र
SR No.009605
Book TitleTrimantra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDada Bhagwan
PublisherMahavideh Foundation
Publication Year2008
Total Pages29
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Akram Vigyan
File Size216 KB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy