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जीवन का ध्येय
यदि यह संसार आपको पुसाता हरकत नहीं करता ) हो तो आगे कुछ भी समझने की जरूरत नहीं है और यदि यह
संसार आपको कुछ हरकत करता हो तो अध्यात्म जानने की जरूरत है ।
अध्यात्म में 'स्व-रूप' को
जानने की जरूरत है। मैं कौन
हूँ.' यह जानने पर सारे पजल
सोल्व हो जायें ।
- दादाश्री
1 418972592-0
9 788189 725921
दादा भगवान प्ररूपित
मैं कौन हूँ ?
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डॉ. नीरूबहन अमीन