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'दादा भगवान कथित
अहिंसा
संपूर्ण अहिंसा, वहाँ प्रकटे केवलज्ञान
'जगत् बिना हिंसा का है ही नहीं। जब आप खुद ही अहिंसावाले हो जाओगे, तो जगत् अहिंसावाला होगा और अहिंसा के साम्राज्य के बिना कभी भी केवलज्ञान नहीं होता है, जो जागृति है वह पूरी आएगी नहीं। हिंसा नाम मात्र को भी नहीं होनी चाहिए।जीव मात्र में परमात्मा ही हैं। किसकी हिंसा करोगे? किसे दुख दोगे?
-दादाश्री
क्रोध मान कषाय माया लोभ