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५ जीव पदार्थ विशेष
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उत्पन्न होनेवाले तथा माताके उदरमे वृद्धि पानेवाले जीव गर्भज है और नारकी तथा देव उपपादज हैं।
१७. एकेन्द्रियसे चतुरेन्द्रिय तकके सर्व जीव तथा सूक्ष्म जीव सम्मूर्छिम हैं । पचेन्द्रियोमे कुछ सम्मूर्छिम हैं और कुछ गर्भज ।
१८. गर्भज जीव तीन प्रकारके है जरायुज, अण्डज और पोतज । झिल्ली मे लिपटे हुए उत्पन्न होनेवाले जरायुज कहलाते हैं, अण्डेमे उत्पन्न होनेवाले अण्डज हैं और उत्पन्न होते ही दौडनेमे समर्थ पोतज कहलाते है।
१९ सूक्ष्म जीव हर स्थान तथा पदार्थमे स्वत. उत्पन्न हो जाते है, यदि वहांपर ठोक तापमान, नमी, वायु, भक्ष्य व सुरक्षा उपलब्ध हो जाये तो।
२० सूक्ष्म जीव बड़ी तीन गतिसे पैदा होकर आध-पौन घण्टे के भोतर-भीतर असंख्यात तथा अनन्तकी सख्या तक पहुंच जाते हैं।
२१ जीव पदार्थके अनेको नाम हैं-चेतन, आत्मा, रूह, सोल जीव इत्यादि । इनमे-से चेतन, आत्मा आदि तो शरीरसे रहित मूलभूत पदार्थका नाम है और जीव जन्म-मरण करनेवाले इस शरीरधारीका नाम है।
२२ शरीरकी उपाघिसे हो आत्मा तथा जीवमे भेद है, अन्यथा वे दोनो एक हैं।