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________________ विषय-सूची नवासी गाथा ७१ ७२ २३४ ७३ गाथा पृष्ठ भविष्यत् तथा वर्तमानकालका लक्षण और और निश्चय कालका स्वरूप ३२ २२५ जीवादि द्रव्योंके परिवर्तनका कारण तथा धर्मादि चार द्रव्योंकी स्वभाव गुण पर्याय रूपताका वर्णन ३३ २२५ अस्तिकाय तथा उसका लक्षण ३४ २२६ द्रव्योंके प्रदेर्शोका वर्णन ३५-३६ २२६ द्रव्योमें मूर्तिक, अमूर्तिक तथा चेतन अचेतनका विभाग २२६ शुद्धभावाधिकार हेय उपादेय तत्त्वोंका वर्णन ३८ २२७ निर्विकल्प तत्त्वका स्वरूप ३९-४५ २२७-२२८ तब फिर जीव कैसा है? (जीवका स्वरूप) ४६-४९ २२८-२२९ परद्रव्य हेय है और स्वद्रव्य उपादेय है ५० २२९ सम्यग्दर्शन और सम्यग्ज्ञानके कारण तथा उनकी उत्पत्तिके कारण ५१-५५ २२९ व्यवहार चारित्राधिकार अहिंसा महाव्रतका स्वरूप ५६२३१ सत्य महाव्रतका स्वरूप २३१ अचौर्य महाव्रतका स्वरूप २३१ ब्रह्मचर्य महाव्रतका स्वरूप २३१ परिग्रहत्याग महाव्रतका स्वरूप २३१ ईर्या समितिका स्वरूप ६१ २३२ भाषा समितिका स्वरूप ६२ एषणा समितिका स्वरूप आदाननिक्षेपण समितिका स्वरूप ६४ २३२ प्रतिष्ठापन समितिका स्वरूप २३२ मनोगुप्तिका लक्षण २३३ वचनगुप्तिका लक्षण ६७ २३३ कायगुप्तिका लक्षण ६८२३३ निश्चयनयसे मनोगुप्ति और वचनगुप्ति का स्वरूप २३३ निश्चयनयसे कायगुप्तिका स्वरूप २३३ अर्हत्परमेष्ठीका स्वरूप २३३ सिद्ध परमेष्ठीका स्वरूप आचार्य परमेष्ठीका स्वरूप २३४ उपाध्याय परमेष्ठीका स्वरूप ७४ २३४ साधु परमेष्ठीका स्वरूप २३४ व्यवहार नयके चारित्रका वर्णन करनेकी प्रतिज्ञा ७६ २३४ परमार्थप्रतिक्रमणाधिकार मैं नारकी आदि नहीं हूँ ७७-८२ २३५ प्रतिक्रमण किसको होता है। ८३-९१ २३६-२३७ आत्मध्यान ही प्रतिक्रमण है ९२-९३ २३७ व्यवहार प्रतिक्रमणका वर्णन ९४२३७ निश्चयप्रत्याख्यानाधिकार प्रत्याख्यान किसके होता है ९५ २३८ आत्माका ध्यान किस प्रकार किया जाता है? ९६-१०० २३८-२३९ जीव अकेला ही जन्म-मरण करता है १०१ २३९ ज्ञानी जीवकी भावना १०२ २४० आत्मगत दोषोंसे छूटनेका उपाय १०३-१०४ २३९-२४० निश्चय प्रत्याख्यानका अधिकारी कौन है? १०५-१०६ २४० परमालोचनाधिकार आलोचना किसको होती है? १०७ आलोचनाके चार रूप १०८ आलोचनाका स्वरूप १०९ २४१ आलुंछनका स्वरूप ११० २४१ अविकृतीकरणका स्वरूप १११ २४१ भावविशुद्धिका स्वरूप ११२ २४१ शुद्धनिश्चयप्रायश्चित्ताधिकार निश्चय प्रायश्चित्तका स्वरूप ११३-११४ २४२ कषायोंपर विजय प्राप्त करनेका उपाय ११५ २४२ निश्चय प्रायश्चित्त किसके होता है ११६ २४२ ५७ २४० २४१ २३२ २३२
SR No.009555
Book TitleKundakunda Bharti
Original Sutra AuthorKundkundacharya
AuthorPannalal Sahityacharya
PublisherJinwani Jirnoddharak Sanstha Faltan
Publication Year2007
Total Pages506
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Articles
File Size92 MB
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