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प्रथम स्कंध
मंगलाचरण
ग्रंथप्रतिज्ञा
लोक और अलोकका स्वरूप
अस्तिकायोंकी गणना
अस्तिकायका स्वरूप
द्रव्योंकी गणना
एक क्षेत्रावगाह होनेपर भी द्रव्य अपना स्वभाव नहीं छोड़ते
सत्ताका स्वरूप
द्रव्यका लक्षण
पर्यायकी अपेक्षा उत्पादादिकी सिद्धि
द्रव्य और पर्यायका अभेद
द्रव्य और गुणका अभेद
सात अंगोंका निरूपण
गुण और पर्यायोंमें उत्पादादि द्रव्योंके गुण और पर्यायोंका वर्णन
दृष्टांतद्वारा उत्पादादिका वर्णन
सत्का विनाश और असत्की उत्पत्तिका अभाव
ज्ञानावरणादि कर्मोंके अभावसे सिद्ध पर्यायकी प्राप्ति
भाव, अभाव, भावाभाव और
अभावका वर्णन
अस्तिकायोंके नाम
कालद्रव्यके अस्तित्वकी सिद्धि
कालद्रव्यका लक्षण
व्यवहारकालका वर्णन
पुद्गलके निमित्तसे व्यवहारकालकी
उत्पत्तिका वर्णन
जीवका स्वरूप
मुक्त
जीवका स्वरूप मुक्त जीवकी विशेषता
जीव शब्दकी निरुक्ति
गाथा
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जीवकी विशेषता
| जीव शरीरप्रमाण है
द्रव्यकी अपेक्षा जीवद्रव्य अपने
समस्त पर्यायोंमें रहता है
सिद्ध जीवका स्वरूप
सिद्ध जीव कार्यकारण व्यवहारसे
उत्पादका कथन
| सत्के विनाश और असत्के उत्पादका
कारण
८ जीवके औपशमिकादि भावोंका वर्णन
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रहित है
मोक्षमें जीवका असद्भाव नहीं है
विविध चेतनाकी अपेक्षा जीवके तीन भेद
कर्मफल, कर्म और ज्ञानचेतनाके स्वामी उपयोगके दो भेद
| ज्ञानोपयोगके आठ भेद
| दर्शनोपयोगके चार भेद
जीव और ज्ञानमें अभिन्नता
गुण और गुणीमें अभेद
द्रव्य और गुणोंमें भेदाभेदका निरूपण | पृथक्त्व और एकत्वका वर्णन
| ज्ञान और ज्ञानीमें सर्वथा भेदका निषेध ज्ञानके समवायसे आत्मा ज्ञानी है इस मान्यताका निषेध
द्रव्य और गुणोंमें अयुतसिद्धिका वर्णन दृष्टांत द्वारा ज्ञानदर्शन गुण और जीव में भेदाभेदका वर्णन
जीवकी अनादिनिधनता तथा सादि सांतताका वर्णन
| विवक्षावश सत्के विनाश और असत्के
विवक्षावश औदयिक भावोंका कर्ता
जीव है
पचहत्तर
गाथा
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