________________
चरकसंहिता - भा० टी० ।
लेखनीय १० द्रव्य |
मुस्तकुष्ठहारेद्रादारुहरिद्रावचातिविषाकटुरोहिणीचित्रकाचे - रविल्व है ममत्यइतिदशेमानिलेखनीयानि भवन्ति ॥ २७ ॥
( ४० )
नागरमोथा, कूठ, हलदी, दारूहल्दी, वच, अतीस, कुटकी, चित्रक करंज, सफेद वच, यह लेखनीय दशक है ।। २७ ।।
भेदनीय १० द्रव्य ।
सुवहाक रुवकाग्निमुखीचित्रा चित्रकचिरबिल्वशंखिनीशकुलादनी स्वर्णक्षीरिण्यइतिदशेमानि भेदनीयानि भवन्ति ॥ २८ ॥ निशांत, आक, एरंड, भलावे, दंती, चित्रक, कंजा, शंखिनी (गुलाचीन ) कुटकी, स्वर्णक्षीरी (सत्यानासी ) यह दश औषधी भेदन करनेवाली हैं ॥ २८ ॥ सन्धानीय १० द्रव्य |
मधुकमधुपर्णी पृश्निपर्ण्यम्चष्ट की समङ्गामोचरसधातकीलोभप्रियंगुकट्फलानीतिदशेमानिसंधानीयानि भवन्ति ॥ २९ ॥
मुलहटी, गिलोय, पृष्ठपर्णी, पाटला, वाराहकांता, मोचरस, धावेके फूल, लोध, प्रियंगु, कायफल, यह दश औषध संधानीय ( जोडनेवाली ) हैं ( कहीं संधारणीय पाठ है जिसका अर्थ मलको धारणकरनेवाली हो सकता है ) ॥ २९ ॥ दीपनीय १० द्रव्य ।
पिप्पलीपिप्पलीमूलचव्यचित्रकशृङ्गवेराम्लवेतस मरिचाजमोदा भल्लातकास्थिहिंगुनिर्यासाइतिदशेमा निदीपनीयानिभवन्ति ॥ ३० ॥
इतिपट्ककषायवर्गः ।
पीपल. पीपलामूल, चव्य, चित्रक, सोंठ, अम्लवेत मिर्च, अजवायन, भलावे की मांगी, हींग. यह दश ओषध अग्रिको दपिन करनेवाली हैं यह ६ कषायांका घरी है ॥ ३० ॥
वलकारक १० द्रव्य |
ऐन्द्रीऋपभ्यतिरसुर्ण्यप्रोक्ता पयस्थश्वगंधास्थिरारोहिणीवलातिबलाइतिदशेमानिवल्यानिभवन्ति ॥ ३१ ॥