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पृष्ठांक.
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२११:
चरकसहिंताविषय
विषयः
पृष्ठकि.
विद्रधिके लक्षण विरका लक्षण
१९१
स्थानभदसे विद्रधि लक्षण १०४ घातादिनन्य शिरोरोग
प्रमेहके विनाशी इन पिडिकाओंकी शासन रोगोंके कारण
उत्पत्ति
२०५ पत्तज शिरोरोगोंके कारण
इनकी साध्यामाध्यता कफज घिरोरोगके लक्षण
पिडिकाओक उपद्रव विधोपन शिरोरोगके लक्षण
दोषोंकी त्रिविधगति कृमिन शिरोरोगके ल.
दोषोंका चय कोपोपशम मातजन्य हृदयरोग
१९४
अध्यायका संक्षिप्त वर्णन पित्तज हृदयरोग
१८. त्रिशोफीय अध्याय।। कफन हृद्रोगके लक्षण
सूजनोंके भेद तथा वातादिजन्य लक्षण २०९ सानिपातिक हृद्रोग वर्णन १९५
आगन्तुजशोथके हेतु लक्षण सनिपातके १३ भेद
निजशोथ लक्षण दोषाही वृद्धिसे १५ भेद
वातजशोथ दोषोंकी क्षीणतासे २५ मेद
पित्तजशोथ दोषाँकी क्षय वृद्धि का क्रम व लक्षण ,,
कफजशोथ समयके लक्षण
द्विदोषजादि भेद सेदखीण के लक्षण
वातजशोथके ल. हत्यिक्षपके लक्षण
पित्तजशोथ लक्षण ভলাষ্টীল ভস্থ
कफजशोथ लक्षण क्षीणशुक्रके ल.
उपनिहिका कारण विष्टायके ल०
गलशुणिका कारण सूत्रक्षीणके ल.
गलगण्ड लक्षण हालक्षीणके ल०
गलग्रह लक्षण सीपमोजका ल.
विसर्पका कारण भोज लक्षण
तिल झाई नीलक लक्षण स्थ्य कारणा
शंखकके लक्षण सयुमेहके कारण
कर्णमूलका कारण महपिडिकाओंका वर्णन
प्लीहाका कारण शराविका लक्षण
गुल्मका कारण
२१६ कच्छपिका लक्षण
नधनका कारण जालनी लक्षण
उदरका लक्षण सर्वपिका लक्षण
अनाहका कारण
रोहिणीका कारण विनता लक्ष।
२०३ । व्याधिके साध्यासाध्य भेद
૨૨૨
२१३
२०१
मनसी लक्षण