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(१७)
विषय:
विषय.
२४५
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२५०
२२७
विषयानुक्रमणिका। पृष्ठांक,
पृष्ठांक. . च्याधियों के नाम रखनेका क्रम २१८ दिवानिद्राका निषेध दोषोंका नित्यत्व
दिवानिद्राके उपद्रव विकाररहित शुद्ध वायु दोषोंक कर्म २१९ निद्राजनक योग
૨૪૬ अन्यायका बक्षिप्त वर्णन २२. निद्रा न मानेके हेतु १९. अष्टोदरीय अध्याय ।
अध्यायका उपसंहार
૨૪૭ रोगोंकी संख्या
२२०
२२. लंघन वृहणीय अध्याय । रोगोंके वातादिभेद
आमिवेशका प्रश्न २२१
२४८ अध्यायका उपसंहार
२२६ लंघन द्रव्य
૨૪૧ अध्यायका संक्षिप्त वर्णन
बृहण द्रव्य
रूक्षण द्रव्य २०. महारोगाध्याय।
स्नेहन द्रव्यके गुण रोगोंके भेद
स्वेदन द्रव्य रोगोंका निज आगन्तुकादि भेदोंसे
स्तंभन द्रव्यके गुण सकारण वर्णन और रोग कल्पना
लंघन क्रम
लंघनयोग्य प्राणी घातरोगों में सामान्य चिकित्सा क्रम २३१
बृहणका वर्णन पिचके चालीस रोग
२५२ पिचाविकारों में चिकित्सा क्रम २३४
लेह्यस्वेद्य कफके पीस रोग
स्तंभनके योग्य लेष्मविकारकी चिकित्सा २३५
सम्यक् लघनके लक्षण
२५३ अध्यायका उपसंहार
आति लंघनके दोष अध्यायका संक्षिप्त वर्णन
सम्यक् बृंहणके ल. २१. अष्टौ निदितीय अध्याय ।
२३. संतपणीय अध्याय । आठप्रकार के निंदनीय पुरुष २३७ सतर्पणसे होनेवाले रोगोंके सकारण नाम२५५ अतिस्थूलमें आठ. अवगुण
सतर्पणसे उत्पन्न हुये रोगों में चिकिअतिस्थलताका कारण
साक्रम मेदके बहुत बढजानेके दोष २३९ सतर्पणजनित रोगनाशक काथ २५६ अतिकृशता के कारण और लक्षण २४० सतर्पणजनित मूत्रदोषोपर काथ , समताके छक्षण
२४१ सतर्पणननित प्रमेहादिपर काय २५७ मतिस्थूल और अतिकशका
संघर्षण जनित रोगों की चिकित्सा , चिकित्सा क्रम
संतर्पणजन्य रोगोंके नाम और स्थूलव्यक्तिकी चिकित्ण
चिकित्सा कृशतानाशक प्रयोग २४२ पुरिकर्ता मन्य निद्राका कारण और उसके उचिता
विण्मूत्रानुलोमी तर्पण नुचित प्रकार ।
२४३ । মুগাইলায় বল
२३६ २३७
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२३८
१०. पण
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२५९