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सूत्रस्थान-अ०४.
.(४७) . _शोथहारक १० द्रव्य । पाटलानिमन्थविल्वयोणाककाइमर्यकण्टकारिकाबहतीशालपर्णीपृश्निपर्णीगोक्षुरकाइतिदशेमानिशोथहराणिभवन्ति ॥६२॥ पाटला, अरणी, वेल सोनापाठा, कंभारी, कटेली, वडी कटेली, शालपर्णी, पृश्निपर्णी, गोखरू यह दश औषधि सूजनको हरनेवाली हैं ॥ ६२ ॥
वरनाशक १० द्रव्य । ' शारिवाशर्करापाठामंजिष्ठाद्राक्षापीलपरूषकाभयामलकविभीतकानीतिदशेमानिज्वरहराणिभवन्ति ॥ ३॥ सारिवा, शर्करा (तरंजवीन और शीरखीस्त या खांड), पाठा, मजीठ, मुनक्का, पीलू, फालसा; हरड, आमले, वहेडे यह दश औषध ज्वरनाशक हैं ॥ ६३ ।।
श्रमनाशक १० द्रव्य । द्राक्षाखर्जूरपियालवदरदाडिमभल्गुपरूषकेक्षुयवयष्टिकाइति। दशेलानिश्रमहराणिभवन्ति ॥१४॥ इति पञ्चकः कषायवर्गः
दाख, खजूर, चिरोंजी, वेर, अनार, गूलर,फालसा, ईख, जौ, साठीके चावल, यह दश औषधि श्रमको हरती हैं। यह पांचप्रकारका कषायवर्ग है ॥ १४ ॥
दाहनाशक १० द्रव्य । लाजाचन्दनकाश्मर्यफलमधुकशर्करानीलोत्पलोशीरशारि, • वागुडूचीहीवेराणीतिदशेमानिदाहप्रशमनानिभवन्ति॥६५॥
धानकी खील,चंदन,कंभारी, मुलैठी, मिसरी, नीलोफर,खस, सारिवा, गिलोय, नेत्रवाला, यह दश औषध दाहको शांत करतीहें ॥ ६५ ॥
शीतप्रशामक १० द्रव्य । तगरागुरुधान्यकशंगवेरभूतीकवचाकण्टकारिकाग्निमन्थश्योणाकपिप्पल्यइतिदशेमानिशीतप्रशसनानिभवन्ति ॥६६॥ तगर, अगर, धनियां, सोंठ, अजवायन, वच, कटेली, अरणी, श्योनाक, पीपल, यह दश औषध,शीतको हरनेवाली हैं ।। ६६ ॥
उदर्दशामक १० द्रव्य । तिन्दुकपियालवदरखदिरकदरलप्तपर्णाश्वकणार्जुनासनारिमे. दाइतिदशेमान्युदर्दप्रशमनानिभवन्ति ॥६७॥