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चरकसंहिता - भा०टी० ।
जामनकी छाल, छडके वृक्षकी छाल, जवासा मुलेठी, सेमलकी छाल, सरलका गांद, भुनी हुई मिट्टी. क्षीरकाकोली, कमल, तिल, यह, दशक मलको शुद्ध करने - बाला है ॥ ५६ ॥
नूत्रके रोधक १० द्रव्य । जम्वालक्षवटकपीतनोदुम्बराश्वत्थभल्लातकाइमन्तकसोमवल्काइतिदशेमानि सूत्र संग्रहणानि भवन्ति ॥ ५७ ॥
जामन. आम, पाकर, वड, अंबाडा, गूलर, पीपल वृक्ष, भिलावा, अश्मन्तक -1 कोविदार ). खैर यह दश औषध अधिकमूत्र की रोकनेवाली हैं ॥ ५७ ॥ मूत्रशोक तथा मूत्र विरेचनीय १० द्रव्य | वृक्षादनीश्वदंष्ट्रावसुकोशीरपाषाणभेददर्भकुशकशागुन्द्रोकटमूलानीति दर्शमानिसूत्रविरेचनीयानिभवन्ति ॥ ५८ ॥
दंदा, गोरू, वसुक (अगस्तिया वृक्ष ) हुलहुल, पाषाणभेद, दर्भ, कुश, काँस, पटेर रू. यह दश औषध मूत्र लानेवाली हैं ॥ ६८ ॥ पद्मोत्पलनलिन कुसुदसौगन्धिकपुण्डरकिशतपत्र मधुकप्रियंगुधातकीपुष्पाणीतिदशेमानिसूत्रविरेजनीयानि भवन्ति ॥ ५९ ॥ इति पञ्चकः कषायवर्गः ।
कमल, नीलकमल, नलिनकमल, कुमुद ( भवूल ), सौगंधिक कमल, पुंडरीक कमल, गुलाब, मुलैठी. फूल. मिरंगु, धावेके फूल, यह दश औषधी सूत्रको शुद्ध करनेवाली है । यह पांच प्रकारका कपाचवर्गे हे ॥ ५९ ॥
कासहारक १० द्रव्य |
द्राक्षाभयामलकापिप्पलीदुरालभाशृङ्गीकण्टकारिकावृवीरपुनर्नवातामलक्यइतिदशेमानि का सहराणि भवन्ति ॥ ६० ॥
दाख. हरड आमला, पीपल. जवासा. ककडसिंगी कटेली. सफेद पुनर्नवा, लाल पुनर्नवा, भूमि आमला. यह दशक खांसीको नष्टकरनेवाली औषधियांका है ॥ ६० ॥ श्वासहर १० द्रव्य ।
शटी पुष्कर लाम्लवेतसे लाहिंग्व गुरुसुरसा तामलकोजीवन्तीचण्डाइनिदशेमानिश्वासहराणि भवन्ति ॥ ६१ ॥
कपूर. पोहकरमूल, अमलवेत, छोटी इलायची. हींग, अगर, तुलसी, भृमिश्रामला जीवति गठाना, यह दवा औषधी बासको हरनेवाली हैं ॥ ६१ ॥