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चरकसंहिता - भा० टी०
कुष्ठनाशक १० द्रव्य !
खदिराभयामलकहरिद्रारुष्करसलपर्णारग्वधकरवीरविडङ्गजातिप्रवा लाइतिदशेनानिकुष्टानिभवन्ति ॥ ३७ ॥
खैरेसार, हरड, आमले, हलदी, भलावे, सप्तपर्ण, अमलतास, कनेर, विडंग, चमेलीकी कोपलें, यह दश औषध कुष्ठनाशक हैं ॥ ३७ ॥
खर्जूनाशक १० द्रव्य | चन्दननलदकृतमालनक्तमालनिम्बकुटजसर्षपमधुकदारुह
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रिद्रामुस्तानीतिदशेमानिकण्डुघ्नानि भवन्ति ॥ ३८ ॥
रक्तचंदन, रूस, अमलतास, कंजा, निव. कुडा, ससौ, मुलैठी, दारुहलंदी, नागरमोथा, यह दशक खाजनाशक हैं ॥ ३८ ॥
कृमिनाशक १० द्रव्य |
अक्षीवमरिचगण्डीर केवूकविडङ्गनिर्गुण्डीकिणही श्वदंष्ट्रावृपपर्णिकाआखुपणिकाइतिदशेमानिकृमिघ्नानि भवन्ति ॥ ३९ ॥
सुहांजना, मिर्च, गंडीर ( समठशाक ), केबुक (केमुकवृक्ष), विडंग, संभालू, कटभी ( मालकांगुनी या कटभलिता ), गोखरू, वृषपर्णी, आखुपर्णी, यह दशक कृमिनाशक है || ३९ ॥
विषनाशक १० द्रव्य |
हरिद्रामंजिष्ठासुबहा सूक्ष्मैला पालिन्दी चन्दनकनकशिरीपतिन्धुवारश्लेष्मातकाइतिदशेसानिविषघ्नानि भवन्ति ॥ ४० ॥ इतिषट्कः कषायवर्गः ।
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हल्दी, मंजीठ, रास्ना, इलायची छोटी, सारिवा, चंदन, निर्मलीका फल, सिरस, संभाल, लिसोडे, यह दशक विषनाशक है । यह ६ कषायका वर्ग है ॥४॥ स्तन दूधको वढनेवाले १० द्रव्य ।
वीरणेशालीषष्टिके क्षुबालिकादर्भ कुमूकाश गुन्द्रेत्कटकन्तृणसूलानीतिदशेमानिस्तन्यजननानि भवन्ति ॥ ४१ ॥
खस, शालिधान्य, षष्टिकधान, इक्षुवालिका (बडी किस्मकी डाभ ), दर्भ, कुशा, कास, गुंद्रप, टेर, उत्कट ( वरू ), कतृण (रोहिसतृण ) यह दशक स्तनोंमें दूध उत्पन्न करनेवाला है ॥ ४१ ॥
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