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________________ वर्तमानकालीन संशोधन-सम्पादन युगना आद्यप्रवर्तक आगमप्रभावक श्रुतशीलवारिधि मुनिपुङ्गव श्रीपुण्यविजयजीमहाराजनी पुण्यस्मृतिने सादर अर्पण !! आगमप्रभाकर मुनिराजश्रीपुण्यविजयजी एटले !! पू. प्रवर्तकश्री कान्तिविजयजी महाराजना शिष्यरत्न पू. चतुरविजयजी महाराजना शिष्यरत्न आगमप्रभाकर पू.मु.श्री पुण्यविजयजी महाराज !! पाटण, लिंबडी, जेसलमेर आदि अनेक ज्ञानभंडारमां रहेल हस्तलिखित ताडपत्रीय कागळनी प्रतोने । सुव्यवस्थित करी अनुसंधानकर्ता !! आगमग्रंथ, साहित्यग्रंथ, काव्यग्रंथ, चरित्रग्रंथ आदि सेंकडो ग्रंथोना संशोधक-संपादक !! निराडंबर सरलता, सहज उदारता, सहिष्णुता, समता, कृतज्ञता, परोपकारिता आदि उच्चगुणोना स्वामी !! सभाष्यविवृतिसमवेत 'बृहत्कल्पसूत्र', तथा 'विसुदेवहिण्डी' आदि अनेक ग्रन्थसंशोधक-संपादक !! आपना पूज्यगुरुमहाराज तथा आपश्री द्वारा संपादित आ ___ 'धर्माभ्युदयमहाकाव्यम्' ग्रंथy नवीनसंस्करणसुमन आपने अर्पण करी धन्यता अनुभवू छु. साध्वी चन्दनबालाश्री
SR No.009540
Book TitleDharmabhyudaya Mahakavyam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandanbalashreeji
PublisherBhadrankar Prakashan
Publication Year2010
Total Pages515
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Religion
File Size2 MB
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