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करीने फल भिन्न भिन्न सारुं खोढुं दर्शावेलं छे, ग्रहोमां गुरु बलवान होय तो महत्वाकांक्षी, नेता, प्रधान, न्यायशास्त्री, चतुर, धर्मी, दयालु होय छे. वैद्य-के-डोक्टर-हकीमनुं लक्षण - गोल हाथ, पातळी या चपटी आंगळीओ, बुधनुं स्थान उंचुं, भजबुत अने ते स्थान उपर उभी रेखाओ रहे छे अंगुठो द्रढ मजबुत अने भरावदार होय छे, सर्जयन - मंगलनुं स्थान पण उंच होय, आंगळीओनो बीजो वेढो मजबुत होय ते सर्ज्जुन ( शस्त्रक्रियामां कुशळ ) होय छे; चंद्रनो बुध साथै संबंध होय, स्थान उंच होय तो अने सुर्यनी रेखा सारी होय तो औषधीओनो शोधखोळ करनार, नविन बुद्धि चलावनार होय छे.
जनावरना डोक्टर - जेनी हथेली कठण होय, आंगळीओ पहोळी होय अने सुर्यनी रेखा सारो देखाव आपती होत जनावरना डोक्टर (व्हेटरिनेरी सर्थन ) होय छे.
स्त्री डोक्टर के नर्स - जे स्त्रीनो हाथ गोळ, पातळी अने चपटो होय करतल (हथेली) भजबुत कठण होय अने बुधना स्थान उपर उभी ज्ञाननी रेखाओ पडी होय अने शुक्र तेमज चंद्रना स्थान सारां भरावदार होय तो मे स्त्री डोक्टर के नर्स थाय छे.
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इंजीनीयर - के यंत्र विद्या जाणनार-आंगळी भो जाडी, अंगुठो नानो, हाथ कठण, आंगळीओ गोळ, पातळी अने चपटी होय, हाथ चोखंडो होय मेकेनिक अथवा इंजिनीअर होय छे; उपरनां लक्षण होय पण हाथ नरम कोमल होय तो यंत्रविद्या जाणनार होय छे.
कारीगर — गुरुनो पर्वत उंचो, सूर्यनी आंगळी, सीधी, लांबी, चोरस साइनी आंगळी, गुरुनी आंगळी भरावदार, चंद्रस्थान उठेलं होय तो वे सारो कारीगर शिल्प शास्त्र जाणनार बने छे.
कायदा जाणनार - आंगळीओ लांबी अने साथ साथै रहेती होय, अंगुठो लांचो अने सीधो, मस्तक रेखा सीधी होय तो कायदो जाणनार के साधारण वकीलात करनार बने छे.
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