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बेरिस्टर अथवा वकील उंपरनां लक्षणोमां वधारो भेटको होय छे के गुरु शनिही आंगळीओ अने बुध सूर्यनी आंगळीओ जुदी जुदी रहेती होय, अंगुठानो बीजो बेठो लांबो होय अने मस्तक रेखा आवरदानी रेखानो अकठी थया सीवाय जुदी गई होय ते मनुष्य, बेरीस्टर, सोलीसीटर, ओडवोकेट के बाहोश वकील थाय छे.
जज ( न्यायाधीश ) - बुधनो पहेलो वेडो लांबो, गुरुनी आंगळी सीधी रोनकदार, सुर्यनुं स्थान वधु उठावदार होय मस्तक रेखा उत्तम होय ते न्यायाधीश बने छे.
गणित शास्त्री- आंगळी ओनो पहेलो अने बीजो वेढो भरावदार, पातली हथेली, शिररेखा लांबी. शनिनी आंगळी भारे रोनकदार, तेने बीजो वेढो बीजाओ करतां लांबो होय ते गणित शास्त्री बने छे.
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धर्माचार्य - बुधनो पहेलो वेढो लांब भरावदार, चंद्र रविनां स्थान उंच भरावदार, सुर्यनी आंगळी पुष्ट भरावदार, अंगुठो निर्बल अने नरम अने गुरु शनिना स्थाननी बच्चे हृदय रेखा गोली होय तो ते मनुष्य धर्माचार्य थाय छे.
गानार बजावनार — शुक्रनुं स्थान उंचुं, कोमल आंगळी ओ होय, अंगुठानी कोमलता होय तो गानार बजावनार अथवा गायनना शोखीन होय छे.
सैनिक--आंगळीओ नानी, चपटी, पातळी अथवा चोरस होय छे, मंगळ बुधनां स्थान मजबुत होय, अंगुठो भारे होय.
खेडत के जमीनदार -- हाथ कठण हथेली चोखंडी, शनिनी आगळी लांबी अने बीजो वेढो लांबो. होय ते खेडुत के जमीनदार होय छे.
दरजी- मोची - सुर्य बुधनी आंगळीओ अने स्थान मुख्य मुख्य आगळ पडता भरावदार होय ते मोची, दरजी विगेरे हुशीमार होय छे. साहित्य शोखीन ( साक्षर ) - बुधनी आंगळी, रुष्टपुष्ट भरावनार,
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