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(३५) भाग्य रेखा होय तो तेने पुत्रो होय. जमणां हाथमा रेखा होय तो तेनी शोकथी पेदा थयेल सन्ततिनु सुख मले। __जे स्त्रीना डाबा हाथनी तथा मध्यमांगुलिना पेला पर्वनी रेखा वांकी होय तो उदरपीडा थाय, तथा अत्यंत विषम होय तो स्त्रीनो गर्भपात थाय.
जे स्त्रीनी संतानरेखा मणिबन्ध तेनी पासे लांबी धनरेखानी पासे गयेली रेखा वांकी होय, तो ते स्त्री जेर खाइने मरे.
जे स्त्रीना अंगूठाना मूलमां जेटली ऊर्ध्व रेखा होय तेटला तेना जार पुरुष समजवा, तथा जमणा हाथना अंगुठानी निचे जेटली ऊर्ध्व रेखा होय तेटल सुख समजवू.
स्त्रीनु मणिबन्ध उत्तर दिशामां तथा दक्षिण दिशामां आंगलिनो तथा मध्यमांगुलिना नखथी स्त्रीना सौभाग्य पणानो निर्णय करवो.
स्त्रीना जमणा हाथनी आयुरेखाना मूलमा जेटला फांटाओ होय तेटली तेनी शोको जाणवी, जमणा हाथनी कनिष्टा आंगलिना नीचे जेटली रेखा होय तेटली शोको समजवी, परंतु जो आ रेखाओ त्रिशूलना आकार जेवी होय तो आनु फल आपे नही अने तेने भाग्यवान् पति मले.
जे स्त्रीना जमणा हाथमां पतिरेखा अंगूठानी पासे पल्लव होय तो तेनु पतिमान करे तेना आधिन रहे, जो स्त्रीना हाथमां बलवान लक्षण होय तो ते पतिनी माफक छोकराओगें.पण सुख जाणवू पति जेवि रीते आधिन रहे.
पुरुष वाम ( डाबो) हाथ. जेम पुरुषनो जमणो हाथ जोवाय छे तेम डायो हाथ जोवो, कारण के कृष्णपक्षमा जन्मलनो डाबो हाथ तथा शुक्लपक्षमा जन्मेलनो जमणो हाथ जोवो. अने ते फल आपनार थाय छे.
जेनो शुक्लपक्षमा जन्म होय, सेनो डामो हाथ, तथा कृष्णपक्षमा जन्म होय तो जमणा हाथ, अने बन्ने पक्षमांथो कया पक्षमा जन्म छ तेनी तेने खबर न होय तो जे पक्षमां हाथ बतावे ते पक्ष समजवो. तथा जनो जन्म
"Aho Shrutgyanam"