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रातना थयेलो तेनो डाबो हाथ, तथा दिवसनो थयेलो होय तो जमणो हाथ जोड़ने फल कहेवु.
नाना छोकरानो हाथ क्यारे जोवो
जे छोकरानो हाथ जोवो. होय तेने बार वर्ष पहेला न जोवो कारण के बार वर्ष सुधि तेनी रेखा स्पष्ट मालुम पडली नथी अने बार वर्ष पछेनी वये ते छोकरानो डाबो हाथ जोवो जोईए, जे छोकराना डाबा हाथमां मातृरेखा लांबी होय तो सासरा तरफेथी धन मले, अथवा पोतानी माताना पक्षमां या युवावस्थामां धन मले तथा तेना डाबा - हाथमां आयुरेखा फांटा वगर होय तथा तुटेली न होय तो तेने स्त्रीनी साथै प्रीति रहे, अने डाबा हाथमां मातृरेखाथी सासुनु फल समजवु अने पितृरेखाथी ससरानु फल समजवु तथा अंगुठाथी मणिबन्धं सुधी जेटली रेखाओ होय तेटली सारी समजवी, डाबा हाथथी विद्या चातुर्यनु फल कहेवुं अने डाबा हाथमां ऊर्ध्वरेखा होय तो तेनु फल लग्न कर्या पछे जाणवु, डाबा हाथमां चार राशी पंदर तीथिओ, नवग्रह तथा नक्षत्रोनी स्थापना जे पहेला कहेल छे ते प्रमाणे जाणवुं
साधुना हाथमां आवी रेखाओ होय तेनु फल भाक्त समजवु.
जमणा हाथनी अपेक्षायं डावा हाथमां बलवान होय तो ते पोताना तथी भ्रष्ट थाय ठीधेला वतनो त्याग करी गृहस्थ थाय.
जे पुरुषना डाबा हाथमां तलवार होय अथवा बीजु कोइ शस्त्र होय तो तेने तेनी स्त्री क्रोधथी मारे, तथा पुरुषना डाबा हाथमां ध्वजानुं चिन्ह होय तेनी स्त्री चपल तथा कुशील होय ताजवानो आकार होय तो व्यापारमां कुशल, तथा चन्द्रनुं चिन्ह होय तो स्त्री क्षमावाली मले पुप्पमालानुं चिन्ह होय तो घणा पुत्रवाली थाय
इति विशेषाधिकार.
" Aho Shrutgyanam"