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प्रेम होय तथा अंगूठानो काछबाना जेवो नल उचो होय ते माणास भाग्यवर्जित होय. . अंगुठो तथा आंगलियो अने हथेली, दिशानो विभाग, मूल, मध्य, अंगुठानो पर्व, आ सर्वे द्रव्यप्राप्तिना योगथी कोइ ठिकाणे शुभ पण अशुभ थाय छे. तथा अशुभ पण शुभ थाय.
सा सर्वे बाल, वृद्ध, स्त्रीजाती विगेरे जोइने तेनु फलितार्थ कहेवु.
जे स्त्रीना हाथमां अंकुश, कुण्डल, चक्रनु चिन्ह होय तो ते स्त्री पुत्रने जन्म आपनारी थाय, तथा तेनो राजा पति होय, जे स्त्रीना हाथवां महेल, छत्र तोरणर्नु चिन्ह होय ते स्त्री दास कुलमां पेदाथै नेपण राजपदवी भोगवे, अर्थात् राजानी राणी थाय.
जेना स्त्रीना हाथमां मंदिरकुण्डल, ध्वजा, चक्र, सरोवर, छत्र नु चिन्ह होय तो ते स्त्री राजपुत्रने जन्म आपनारी थाय.
जे स्त्रीना हाथमां मोर छत्रनु चिन्ह होय ते राजानी राणी थाय तथा घण। पुत्रोने जन्म आपनारी थाय, तथा ते स्त्रीना हाथमां अथवा पगमां पद्ममाला, अंकुश, छत्र, तथा जमणो साथियो होय ते स्त्री राजानी राणी थाय.
जे स्त्रीनी आंगलि तथा नख कमलना जेवा होय तथा हाथना तलियां पण कोमल होय ते स्त्री हमेषा सुखने भोगववाली थाय. __जो स्त्रीना जमणा हाथमां आयु रेखा होय तो तेने पतिरेखा समजवी अने ते रेखाथी पतिसंबन्धी सुखदुःख मालुम पडे, तेवाज रीते धनरेखाथी सासुनु सुखदुःख जाणवू अने गोत्र रेखाथी सासरानु सुखदुःख जाणवू. .. जे स्त्रीना डाबा हाथमां धर्म रेखा होय तो ते पति धर्म करे अने फुलनी मालाना आकार जेबी रेखा होय तो तेना घरमां गायनु सुख होय गाय होय. अने मणिबन्ध रेखा होय तो स्त्रीने नोकर चाकर दासदासीन सख होय. तथा चार पगवाला जानवरो धणा होय, तथा ढाबा हाथमा
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