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________________ लचतुर्थम् 1] भाषाटीकासमेतः । लचतुर्थम् । बलाभेदे स्वातंबला प्रबलेऽतिबलस्त्रिषु ॥ अक्षमाला विजानीयादरुन्धत्यक्षसूत्रयोः ॥ १५२ ॥ उदूखलं गुग्गुलौ स्यादुलूखलमुलूखले । एकाष्ठीला स्त्रियां पुंसि पापचेल्यां बुके क्रमात् ॥ १५३ ॥ कमाल मरुद्वाहे नागभेदे जटान्तरे । कन्दरालः पुमान्गर्दभाण्डेऽक्षलक्षवृक्षयोः ॥ १५४ ॥ अस्त्री कमण्डलुः कुण्ड्यां पर्कटीपादपे पुमान् । क्लीवं कर्मफलं कर्म्मरङ्गकर्म्मविपाकयोः ॥ १५५ ॥ पुंसि कोलाहले सर्जरसे कलकलः स्मृतः । कुतूहलं कौतुके स्यात्रिषु शस्ते कुतूहलम् ॥ १५६ ॥ कृताञ्जलिस्तु भैषज्ये विहितो येन चाञ्जलिः । खतमालः पुमान्धूमे खतमालो बलाहके ॥ १५७ ॥ पिलखनवृक्ष, (पुं० ) लचतुर्थ | अतिबला-खरहटीभेद ( पीलेरंगकी खरहटी, ) (स्त्री० ) अतिबल - प्रबल-पुरुष आदि (त्रि ० ) अक्षमाला - अरुंवती ( वसिष्ठकी स्त्री ), रुद्राक्षकी माला, ( स्त्री० ) ॥ १५२ ॥ उदू (लू) खल- गूगल, ऊँखल, (न० ) एकाष्टीला - सोनापाठा, ( स्त्री० ) एकाष्ठील- गूमा औषधि ( पुं० ) ॥ १५३ ॥ कचमाल , नागभेद, जटाभेद ( पुं० ) कन्दराल-पारसपीपल, या बहेडा, ॥ १५४ ॥ कमंडलु - कुंडी, पिलखन-वृक्ष, (पुं०) ( पुं० न० ) कर्मफल- कमरख फल, कर्मों का फल, ( न० ) ॥ १५५ ॥ कलकल - कोलाहल, ( हल्ला ), राल - वृक्ष, (पुं० ) ३५५ कुतूहल - कौतुक, ॥ १५६ ॥ श्रेष्ठ, (न० ) कृतांजलि औषधि, जिसने अंजलि करी है वह (पुं० ) अखरोट खतमाल - धूवाँ, मेघ, (पुं० ) १५७ "Aho Shrutgyanam"
SR No.009534
Book TitleVishwalochana Kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNandlal Sharma
PublisherBalkrishna Ramchandra Gahenakr
Publication Year1912
Total Pages436
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Dictionary
File Size9 MB
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