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________________ २४४ विश्वलोचनकोश:- [ मान्तवर्गेउपमायां यमाचारवेदान्तेऽपि धनुष्यपि । यागे योगेऽप्यहिंसायां सोमपेऽपि कचिन्मतः ॥ १६ ॥ ध्यामो गन्धतृणे पुंसि ध्यामो दमनकेऽपि च । श्यामवणे त्रिषु ध्यामो नुमा नाम्नि परद्युतौ ॥ १७ ॥ नेमिः कूपत्रिकायां स्याच्चक्रान्ते तिनिशद्रुमे । नेमोऽर्द्धकीलसीमासु गर्तप्राकारकैतवे ॥ १८ ॥ पद्मोऽस्त्री पद्मनालेऽब्जे व्यूहसंख्यान्तरे निधौ । पद्मके नागभेदे ना पद्मा भाङ्गीश्रियोः स्त्रियाम् ॥ १९॥ ब्राह्मी तु भारतीपङ्कगतिकाब्रह्मशक्तिषु । फञ्जिकायां तथा सोमवल्लरीशाकयोरपि ॥ २० ॥ भामः क्रोधे रचौ भासि भीमः शम्भौ वृकोदरे। स्यादम्लवेतसे भीमस्त्रिषु घोरे भयानके ॥ २१ ॥ उपमा, धर्मराज, आचार, वेदान्त, पद्म-कमलनाल, कमल, सेनारचना, धनुष, याग, योग, अहिंसा, अमृ- संख्याभेद, निधि, पद्माक, नाग. त पान करनेवाला, (पुं० )॥१६॥ भेद, (पु.) ध्याम-सुगंधि तृण-विशेष, दौना ! पद्मा-भारंगी, लक्ष्मी, (स्त्री० ) १९ ( पुष्पपेड ) (पुं० ) श्यामवर्ण, ब्राह्मी-सरस्वती, मत्स्यभेद (कीच(त्रि.) ___ डकी मच्छी), ब्रह्मशक्ति, धमासा, नमा-नाम, परमकांति, (स्त्री० ) सोमवेल, शाकभेद, (स्त्री० ) २० . ॥१७॥ नेमि-कूएकी त्रिका (चौखटा), भाम-क्रोध, सूर्य, प्रभा, (पुं०) चक्रकी पुटी, तिरिच्छ वृक्ष, (पुं०) भीम-महादेव, भीमसेन, अम्लवेत, नेम-आधा, कीला, सीमा, खड्डा, (पुं० ) घोर, भयानक (पुं०) किला, कपट, (पुं०)॥१८॥ ॥२१॥ "Aho Shrutgyanam"
SR No.009534
Book TitleVishwalochana Kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNandlal Sharma
PublisherBalkrishna Ramchandra Gahenakr
Publication Year1912
Total Pages436
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Dictionary
File Size9 MB
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