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क्रिया कोश ६७.२ आणवणिया ( आज्ञापनिका | आनयनिका ) क्रियापंचक ६७.३ पेज्जवत्तिया (रागप्रत्ययिकी ) क्रियापंचक '६८ पापठाण (पापस्थान ) क्रिया
११ जीवक्रिया ११.१ परिभाषा अर्थ-- जीवस्य क्रिया व्यापारो जीवक्रिया ।
-ठाण० स्था २ । उ १ । सू ६० । टीका जीव का व्यापार जीवक्रिया है।
'११२ भेद
जीवकिरिया दुविहा पन्नता, तंजहा--सम्मत्तकिरिया चेव मिच्छत्तकिरिया चेव।
---ठाण० स्था २ । उ १ । सू ६० । पृ० १८५ जीवक्रिया के दो भेद होते हैं, यथा-सम्यक्त्वक्रिया तथा मिथ्यात्वकिया। ११.३ भेदों की परिभाषा / अर्थ
'१ सम्यक्त्व क्रिया-देखो क्रमांक ३६ '२ मिथ्यात्वक्रिया- देखो क्रमांक ४०
नोट-सम्यक्त्व और मिथ्यात क्रियाओं के द्वयक रूप में विवेचन के लिये—देखो कमांक '६४.१
१२ अजीवक्रिया १२.१ परिभाषा | अर्थअजीवस्य पुद्गलसमुदायस्य यत्कर्मतया परिणमनं सा अजीवक्रियेति ।
-ठाण ० स्था २ ! उ १ । सू ६० । टीका अजीव पुद्गलसमुदाय का जो कर्मरूप में परिणमन होता है वह अजीव क्रिया है ।
यहाँ विवक्षा क्रिया के कर्ता की अपेक्षा न होकर क्रिया से होने वाले कर्मबन्ध की अपेक्षा है। १२.२ भेदअजीवकिरिया दुविहा पन्नत्ता, तंजहा--इरियावहिया चेव संपराश्या चेव ।
–ठाण० स्था २ । उ १ । सू ६० । पृ० १८६ अजीवक्रिया के दो भेद होते हैं, यथा--ऐपिथिको तथा साम्परायिकी।
"Aho Shrutgyanam"