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क्रिया-कौश सकाय के महान समारम्भ, महान संरंभ, महान आरम्भ से नाना प्रकार के पापकर्म करते हैं, यथा-छादन करना, लेपन करना, स्तार (बिछौना ) बनाना, द्वार देकना तथा तद्प्रयोजनार्थ शीतोदक का व्यवहार करना, अग्नि को प्रज्वलित करना ।
इस प्रकार गृहस्थ के निज प्रयोजनार्थ पूर्वकृत समारम्भादि से निर्मित घर गृहस्थ के देने पर साधु उसमें रहे तो वह एक ( शुद्ध ) पक्ष का सेवन करता है तथा उसको अल्प सावद्य क्रिया लगती है । अर्थात उसको क्रिया नहीं लगती है ।
यहाँ टीकाकर ने अल्प शब्द का अर्थ अभाववाची लिया है ।
. .१० परक्रिया :--- परकिरियं अज्झस्थियं संसेसियं-- णो तं साइए, णो तं णियमे।
से से परो पादाइं आमज्जेज्ज वा, पमज्जेज वा'–णो तं साइए, णो तं णियमे । xxx संवाहेज्ज वा, पलिमद्देज वा ०००।xxx फूमेज वा, रएज्ज वा ०००1xxx तेल्लेण वा, घएण वा, वसाए वा मक्खेज वा, भिलिंगेज वा ०००। xxx लोद्धण वा, कक्केण वा, चुन्नेण वा, वन्नेण वा उल्लोलेज्ज वा, उव्वलेज वा ०००। xxx सीओदग-वियडेण वा, उसिणोदग-वियडेण वा उच्छोलेज वा, पधोएज्ज वा ००० ! xxx अण्णयरेण विलेवण-जाएण आलिंपेज वा, विलिंपेज्ज वा ०००।xxx अण्णयरेण धूवण-जाएण धूवेज वा, पधूवेज्ज वा ०००। से से परो पादाओ खाणु वा, कंटयं वा, णीहरेज्ज वा, विसोहेज्ज वा ०००। से से परो पादाओ पूर्य वा, सोणियं वा, णीहरेज्ज वा, विसोहेज्ज वा-णो तं साइए, णो तं णियमे । (सू १ से ११)।
xxx के स्थान पर 'से से परो पादाइ" पढ़ें। ००० के स्थान पर 'णो तं साइए, णो तं णिय' पढ़ें।।
से से परो कार्य आमज्जेज वा, पमज्जेज्ज वा–णो तं साइए, णो तं णियमे । xxx संवाहेज्ज वा, पलिमद्दज्ज वा ००० xxx तेल्लेण वा, धएण वा, वसाए या, मक्खेज्ज वा, अब्भंगेज्ज वा ०००। xxx लोद्रेण वा, कक्केण वा, चुण्णण वा, वण्णण वा, उल्लोलेज वा, उव्वलेज्ज वा ०००। xxx सीओदगवियडेण वा, उसिणोदग-वियडेण वा उच्छोलेज्ज वा, पहोएज्ज वा ०० ०1xxx अण्णयरेण विलेवण-जाएण आलिंपेज्ज वा विलिंपेज्ज वा ०००। xxx अण्णयरेण धूवण-जाएणं धूवेज्ज वा, पधूवेज्ज वा-णो तं साइए, णो तं णियमे। (सू १२ से १८)।
"Aho Shrutgyanam"