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२९) मित्रदोषप्रत्ययिक क्रियास्थान
धोका अनीता ३०) 'आचारश्रुत' अध्ययनाचा विषय
गुंदेचा शोभा ३१) सद्य:कालीन परिप्रेक्ष्य में सूत्रकृतांग
गोठी मंगला ३२) प्रत्याख्यानक्रिया' अध्ययन का महत्त्व कर्नावट कमल ३३) प्रत्याख्यान का महत्त्व
कर्नावट सविता ३४) सूत्रकृतांग (२) मध्ये प्रतिबिंबित सामाजिक अंश कटारिया संगीता ३५) अद्दगस्स कहाणयं
कांकरिया आशा ३६) आया अपच्चक्खाणी' सूत्र का भावार्थ कांकरिया निर्मला ३७) प्रत्याख्यान क्यों करना चाहिए ?
केमकर शकुंतला ३८) सूत्रकृतांग और मुण्डकोपनिषद : एक तुलना कुलकर्णी मनीषा ३९) अनेकान्तवाद : आक्षेप, मर्यादा व समाधान कोठारी चंचला ४०) प्रत्याख्यानक्रिया आणि नालंदीय'मधील प्रत्याख्यान खणसे पारमिता ४१) सूत्रकृतांग (२) के अध्ययनों का विषयानुसारी महत्त्व खिंवसरा अरुणा ४२) 'आया अपच्चक्खाणी' सूत्र का भावार्थ खिंवसरा मीनल ४३) आदर्श श्रावक
ललवाणी प्रतिभा ४४) सूत्रकृतांग (२) : एक अनुचिंतन
लुंकड कमला ४५) प्रत्याख्यानक्रिया
लोढा मदन ४६) सूत्रकृतांग (२) अध्ययनांचे विषयानुसारी महत्त्व लोढा शोभा ४७) गाथापति-चोर-विमोक्षण न्याय
मालु बालचंद ४८) आर्द्रक और शाक्यभिक्षु का वार्तालाप मुनोत सविता ४९) हस्तितापस के मत का संभाव्य खण्डन मुनोत संगीता
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