________________
८) प्रत्याख्यान का, कशाचे व कोण करू शकतो ? बोरा पुष्पा ९) आया अपच्चक्खाणी : भावार्थ
भंडारी अनिल १०) सूत्रकृतांग में प्रतिबिम्बित सामाजिक अंश भंडारी कुमुदिनी ११) लेप' नामक गृहपति : एक आदर्श श्रावक भंडारी सरला १२) आचारश्रुत अध्ययन : एक चिंतन भंडारी सुमतिलाल १३) हिंसादण्डप्रत्ययिक क्रियास्थान
भंडारी सुनीता १४) आचारश्रुत अध्ययनाचा मुख्य विषय भन्साळी संतोष १५) सूत्रकृतांग (२) में प्रतिबिम्बित सामाजिक अंश भन्साळी सुविता १६) 'आचारश्रुत' अध्ययनाचा सारांश भटेवरा विमल १७) मित्रदोषप्रत्ययिक क्रियास्थान
भटेवरा कमला १८) 'आया अपच्चक्खाणी' सूत्र का भावार्थ भटेवरा पुष्पा १९) अध्यात्मप्रत्ययिक क्रियास्थान
भटेवरा उज्ज्वला २०) गोशालक के आक्षेप-आर्द्रक के जवाब भटेवरा विमल २१) गोशालक के आक्षेप-आर्द्रक के जवाब भुरट शशिकला २२) आर्द्रक-गोशालक : सवाल-जवाब
छाजेड भगवानदास २३) आहारपरिज्ञा और पिण्डैषणा
छाजेड रेखा २४) सापेक्षतावाद : सूत्रकृतांग की दृष्टि से चोपडा मंजु २५) 'पुण्डरीक' अध्ययन में खण्डन-मण्डन चोरडिया मधुबाला २६) सूत्रकृतांगाच्या द्वितीय श्रुतस्कंधाचे सार चोरडिया शकुंतला २७) आर्द्रक-गोशालक : आक्षेप व समाधान डागलिया लता २८) हस्तितापसांना यथोचित उत्तर
देसडला साधना
१४८