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द्वितीय आवृति 1000
माह नव०-दिसम्बर, ईस्वी सन् २००६ ग्रन्थ मूल्य-संसार से फटा हृदय
यदि संसार- शरीर-भोगों के स्वरूप के मनन-चिंतन से इस तरह हृदय संसार से टूट चुका हो तभी आप वास्तव में इस ग्रंथ का मूल्य चुकाकर इसकी प्राप्ति के अधिकारी हो सकेंगे और उसका फल हस्तगत होगा।
ग्रंथ प्राप्ति का फल
हृदय में प्रभु की प्रतिष्ठा होकर रत्नत्रय के फूलों का खिलना
एवं
अष्ट कर्मों का अभाव होकर मोक्ष मन्दिर में विराजमान होना जिसका अर्थ है
संसार के अनन्तानन्त
सारे ही दुःखों से छूट जाना
प्राप्ति स्थान
सुमत प्रसाद जैन चैरिटेबल ट्रस्ट २३/४७४२, अंसारी रोड, दरियागंज, नई दिल्ली- ११०००२ फोन : ०११-२३२७१५५१ श्रीमती पूनम जैन फोन : ६२६८३३६१५६
न्यौछावर राशि १०१/लागत राशि २५१ /
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मुद्रक : विजय जैन, पारस प्रिंटर्स, नई दिल्ली। फोन : ६८११०८३७३७
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