________________
गाथा २३
IOCOM
RRRRRRRRR
पाऊलाऊलानाला
जिन आज्ञा में परायण जीवों को बाह्य-अभ्यन्तर परिग्रह रहित निर्ग्रन्थ गुरु के निकट ही शास्त्र श्रवण करना चाहिये
और यदि ऐसे गुरु का संयोग न बने तो निर्ग्रन्थ गुरुओं के ही उपदेश को कहने वाले
श्रद्धानी श्रावक से
धर्म सुनना चाहिये।