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गाथा २० အ
गृह-व्यापार के परिश्रम से अज्ञानी जीवों का तो विश्राम
१-५-पंच परमेष्ठी, ६- जिनचैत्य,
नवदेवता
खेदखिन्न कितने ही स्थान एक स्त्री ही है
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७- जिन चैत्यालय, ८- जिनश्रुत, ९- जिनधर्म ।
परन्तु ज्ञानी जीवों का तो जिनेन्द्र भाषित श्रेष्ठ धर्म ही विश्राम का स्थान है।