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जिनसूत्र के अनुसार उपदेश देने वाला उत्तम
वक्ता यदि रोष भी करे तो वह क्षमा का भंडार है
गाथा १४
अभी मिथ्यात्व, अन्याय और अभक्ष्य का सेवन कर ले फिर तू नरक जाएगायह शत-प्रतिशत सत्य है।
आज इस काल में ध्यान तो सधता नहीं बस शुभ भाव और क्रिया कर लो
तो उससे ही मोक्ष हो जाएगा।
और
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जो पुरुष जिनसूत्र के विरुद्ध उपदेश देता है उसकी क्षमा भी रागादि दोषों तथा मिथ्यात्व का ठिकाना है ।
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