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कार्य सम्पादन के विभिन्न समवाय
कर्म सिद्धान्त :- विश्व का प्रत्येक कार्य पाँच समवाय सहित ही होता है, कार्य सम्पादन के लिये अंतरग एवं बहिरंग सहकारी समर्थ कारणों का सद्भाव एवं विरोधी कारणों का अभाव होना आवश्यक है।
कार्य सम्पादन के 5 समवाय
स्वभाव
पुरुषार्थ
भवितव्य
काललब्धि
निमित्त
बहिरंग निमित्त (नोकर्म, संयोग आदि)
अंतरंग निमित्त (द्रव्य कर्म)