________________
अष्ट पाहुड़atara
स्वामी विरचित
आचाय कुन्दकुन्द
DOON
Moodi
Door
Dod
लिखते हैं :की वचनिका | मोक्षपाहुड
० अब
नमःसिद्धेभ्यः
ॐ
樂樂兼崇崇榮樂業業兼差兼勇兼業助兼第崇勇崇明
दोहा आठ कर्म का नाश करि, शुद्ध आठ गुण पाय। भये सिद्ध निज ध्यान तैं, नमूं मोक्ष सुखदाय।। १।।
अर्थ सुखदायक मोक्ष को देने वाले उन सिद्धों को मैं नमन करता हूँ जो निज आत्मा के ध्यान से आठ कर्मों का नाश करके शुद्ध आठ गुण पाकर सिद्ध हुए।।१।।
इस प्रकार मंगल के लिए सिद्धों को नमस्कार करके श्री कुन्दकुन्द आचार्यकृत 'मोक्षपाहुड़' ग्रंथ जो प्राकृत गाथाबद्ध है उसकी देशभाषामय वचनिका लिखते हैं :
***45*5555 95