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________________ योगसार प्रवचन (भाग-१) ३९९ को नहीं छोड़ता। समझ में आया? इसी प्रकार आत्मा रागादि दशा को धारण करने पर भी वस्तुस्वरूप से स्फटिकमणि जैसा है, वह स्फटिकमणि कभी राग-रूप नहीं होती। ज्ञानी कदापि.... यह आता है न? क्या कहा यह ? स्फटिकमणि में कहा न? ज्ञानी, रागरूप परिणमति नहीं होता। ज्ञानी अर्थात् द्रव्य; ज्ञानी अर्थात् आत्मद्रव्य । वहाँ विवाद उठा न यह सब? देखो! दृष्टान्त देंगे। देखो! __ 'जह फलियमणि विसुद्धो ण सयं परिणमदि रागमादीहिं' देखो, है न? स्फटिकमणि (जैसे) विशुद्ध (है वैसे) रागादि (रूप से) स्वयं नहीं परिणमती। वस्तु स्फटिकमणि का रागरूप / रंग-रूप परिणमित होना स्वभाव ही नहीं है। वैसे ही वस्तु का रागरूप होना – ऐसा स्वभाव ही नहीं है। बन्ध अधिकार है न? बन्धरूप होना – ऐसा अबन्धस्वभावी आत्मा का स्वभाव ही नहीं है, समझ में आया? ऐसा कहते हैं। तब वे कहें, देखो! परद्रव्य के कारण बन्ध है.... परन्तु इस स्वद्रव्यस्वरूपी अबन्धस्वरूप में बन्ध नहीं होता, इससे अबन्ध भगवान आत्मा, बन्धपने को परिणमित हो – ऐसा उसका स्वरूप ही नहीं है। वह जब परलक्ष्य करके ममता करता है, तब पर्याय में बन्धभाव से परिणमता है। वह तो परद्रव्य के लक्ष्य से परिणमता है। स्वद्रव्य का स्वभाव बन्धरूप परिणमना – ऐसा है नहीं। समझ में आया? यह बड़ी विवाद की गाथा है। आहा...हा...! यह कहते हैं देखो ! द्रव्य का स्वभाव राग (रूप) होने का नहीं है, यह लिखा, देखो! 'राइज्जदि अण्णेहिं दु सो रत्तादियेहिं दव्वेहिं।' देखो! 'एवं णाणि सुद्धो ण सयं परिणमदि रागमादीहिं।' देखो! वह द्रव्य स्वयं रागरूप परिणमित होने का उसका स्वरूप ही नहीं है। द्रव्य का स्वभाव होवे ऐसा? वह द्रव्य स्वयं जब पर का लक्ष्य करे. तब पर्याय में पर की ममता आदि (भाव से) पर्याय में रागरूप होता है। वस्त स्वयं कब होती थी? समझ में आया? इस गाथा का विवाद ठेठ से चलता है, ए... वहाँ से – ईसरी से। विकार होता है, वह निरपेक्ष अपनी पर्याय से होता है। बस, पकड़े गये वे लोग, पकड़े गये। भगवान आत्मा बन्धस्वभावी है ही नहीं। वह तो स्फटिकमणि जैसा है। देखा? स्फटिक मणि जैसे स्वयं लाल आदि (रूप) परिणमे, वह स्वयं परिणमता है। वह तो
SR No.009481
Book TitleYogsara Pravachan Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendra Jain
PublisherKundkund Kahan Parmarthik Trust
Publication Year2010
Total Pages496
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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