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जैनदर्शन के परिप्रेक्ष्य में
१७ ___ एक टूथपेस्ट कम्पनी की बिक्री कुछ वर्षों से स्थिर होकर रह गई थी; अनेक प्रयत्न करने पर भी, भरपूर प्रचार-प्रसार करने पर भी बढ़ती ही न थी। अतः पुराने सेल्स मैनेजर को हटाकर नये सेल्स मैनजर की नियुक्ति की गई। उसने देखा कि जिन तक पहुँचना चाहिए था, उन सभी तक यह टूथपेस्ट पहुंच चुका है; अतः अब नये बाजार की तो कोई गुंजाइश है नहीं। अत: उसने टूथपेस्ट का मुँह सवाया कर दिया। परिणाम यह निकला कि टूथपेस्ट की बिक्री सवाई हो गई; क्योंकि लोगों द्वारा टूथपेस्ट के दबाने पर जितना माल पहले निकलता था, बड़ा मुँह हो जाने पर उससे सवाया निकलने लगा। अत: जो पेकेट एक माह में समाप्त होता था, वह २४ दिन में ही समाप्त होने लगा। इसे आप सेल्स मैनेजर की होशियारी या चालाकी जो कुछ भी कहना चाहें, कहें; पर टूथपेस्ट की बिक्री तो बढ ही गई। __इसीप्रकार जब अंडे के व्यापारियों ने देखा कि अंडे हम सभी मांसाहारियों तक तो पहुँचा ही चुके हैं; अत: अब अंडों की और अधिक बिक्री बढना संभव नहीं है। अब नया बाजार खोजने के लिए शाकाहारियों में घुसपैठ करना चाहिए।
यह तो वे अच्छी तरह जानते ही थे कि शाकाहारी अपने खानपान और व्रत-नियमों में बहुत कट्टर होते हैं; अत: अंडा खाने के लाभ बता-बताकर उन्हें लुभाया नहीं जा सकता। हाँ, यदि अंडे को शाकाहारी बताया जाय तो अवश्य सफलता मिल सकती है, शाकाहारियों में घुसपैठ की जा सकती है। बस,उन्होंने बड़े ही जोर-शोर से यह प्रचार करना आरंभ कर दिया कि अंडे दो प्रकार के होते हैं - शाकाहारी और मांसाहारी। ___ यह उनकी होशियारी कहें या चालाकी, पर वे अपनी चाल में सफल हो गये लगते हैं; क्योंकि बहुत से शाकाहारी इस दुष्प्रचार के शिकार हो रहे हैं। अभी स्थिति उतनी भयावह नहीं हुई कि कुछ किया