________________
श्री जैन सिद्धान्त प्रश्नोत्तरमाला
सुख, वीर्य, भव्यत्व, अभव्यत्व, जीवत्व, वैभाविकत्व, कर्तृत्व, भोक्तृत्व, क्रियावतीशक्ति - आदि अनन्त गुण ।
प्रश्न 139 - जीव के प्रतिजीवी गुण कौन-कौन से हैं ?
65
उत्तर - अव्याबाध, अवगाहनत्व, अगुरुलघुत्व, सूक्षमत्व, नास्तित्व, इत्यादि ।
प्रश्न 140 - अव्याबाध प्रतिजीवी गुण किसे कहते हैं ?
उत्तर - वेदनीय कर्म के अभावपूर्वक जिस गुण की शुद्धपर्याय प्रगट होती है, उसे (उस गुण को) अव्याबाध प्रतिजीवी गुण कहते हैं
I
प्रश्न 141 - अवगाहनत्व प्रतिजीवी गुण किसे कहते हैं ? उत्तर - आयुकर्म के अभावपूर्वक जिस गुण की शुद्धपर्याय प्रगट होती है, उसे [उस गुण को] अव्याबाध प्रतिजीवी गुण कहते हैं ।
प्रश्न 142 - अगुरुलघुत्व प्रतिजीवी गुण किसे कहते हैं ? उत्तर - गोत्रकर्म के अभावपूर्वक जिस गुण की शुद्धपर्याय प्रगट होती है और उच्च-नीच का व्यवहार भी दूर होता है, उसे अगुरुलघुत्व गुण कहते हैं ?
प्रश्न 143 सूक्ष्मत्व प्रतिजीव गुण किसे कहते हैं ? उत्तर - नामकर्म के अभावपूर्वक जिस गुण की शुद्धपर्याय प्रगट होती है, उसे सूक्ष्मत्व प्रतिजीवी गुण कहते हैं ।
प्रश्न 144 - दो ही द्रव्यों को लागू होते हैं - ऐसे अनुजीवी गुण कौन-से हैं ?