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________________ श्री जैन सिद्धान्त प्रश्नोत्तरमाला प्रश्न 120 - ऐसे कौन से विशेष गुण हैं जो दो द्रव्यों में ही रहते हैं ? 61 उत्तर - क्रियावतीशक्ति और वैभाविकशक्ति - यह दो गुण, जीव और पुद्गलद्रव्यों में ही रहते हैं । प्रश्न 121 - क्रियावतीशक्ति का क्या कार्य है ? उत्तर - एक क्षेत्र से क्षेत्रान्तर होना अथवा गतिपूर्वक स्थिररूप से रहना । प्रश्न 122 - क्रियावतीशक्ति जानने से धर्म सम्बन्धी क्या लाभ होगा ? उत्तर - मैं शरीर को चला सकता हूँ, स्थिर रख सकता हूँ, शरीर मुझे अन्य क्षेत्र में ले जाता है, मैं यह बोझ उठाता हूँ इत्यादि गति-स्थिति की (पर के क्षेत्रान्तर होने और स्थिर रहने की ) स्वतन्त्रता न माननेरूप घोर अज्ञान दूर हो जाए और अपने ज्ञा स्वभाव से मैं सदैव ज्ञायकस्वरूप ही हूँ - ऐसा सच्चा निर्णय हो, वही धर्म का मूल है। प्रश्न 123 - यदि जीव, शरीर को नहीं चलाता, तो फिर मुर्दा क्यों नहीं चलता ? उत्तर - मुर्दा पुद्गलद्रव्य के अनेक स्कन्धों का पिण्ड है, उसमें प्रत्येक परमाणु में क्रियावतीशक्ति है; इसलिए उसकी अपनी योग्यतानुसार किसी समय उस परमाणु की गति अर्थात् क्षेत्रान्तररूप पर्याय होती है और कभी स्थिर रहनेरूप पर्याय होती है; इस प्रकार मुर्दे के परमाणुओं की उस समय की योग्यता के कारण स्थिररूप पर्याय होती है, इसलिए वह चलता नहीं है ।
SR No.009453
Book TitleJain Siddhant Prashnottara Mala Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendra Jain
PublisherKundkund Kahan Parmarthik Trust
Publication Year
Total Pages419
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size1 MB
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