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________________ श्री जैन सिद्धान्त प्रश्नोत्तरमाला उत्तर - वे निरन्तर प्रति समय बदलते ही रहते हैं, किन्तु स्थूल दृष्टि से उनका आकार दीर्घ काल तक एक-सा दिखाई देता है। प्रश्न 76 - सुवर्ण पिण्ड में से मुकुट बना, तो उसमें कौन - सा गुण कारण है ? उत्तर - आकार बना, उसमें प्रदेशत्व गुण और पुरानी अवस्था बदल कर नयी हुई, उसमें द्रव्यत्व गुण कारण है। प्रश्न 77 - इस 'पुस्तक में' छहों सामान्य गुण घटित करो । उत्तर- (1) इस पुस्तक में उसके परमाणुओं का कभी नाश नहीं होता, क्योंकि उसमें अस्तित्व गुण है । (2) उसमें अर्थक्रिया है, क्योंकि उसमें वस्तुत्व गुण है । (3) उसकी पर्याय में निरन्तर प्रति समय नया परिवर्तन होता है, क्योंकि उसमें द्रव्यत्व गुण है। 47 (4) वह ज्ञात होने योग्य है, क्योंकि उसमें प्रमेयत्व गुण है । (5) उसका कोई भी परमाणु बदलकर दूसरे परमाणुरूप नहीं होता । उसके सभी गुण- पर्यायें भी उसकी मर्यादा में व्यवस्थित हैं, क्योंकि उसमें अगुरुलघुत्व गुण है । (6) वह आकार युक्त है, क्योंकि उसमें प्रदेशत्व गुण है । प्रश्न 78 - मिट्टी द्वारा घड़ा बना है, कुम्हार द्वारा नहीं बना इसमें कौन-से गुण सिद्ध होते हैं ? - उत्तर द्रव्यत्व और अगुरुलघु । प्रश्न 79 जो नहीं जानते - ऐसे जड़ द्रव्य भी स्वतः परिणमित होते हैं - इसमें कौन-सा गुण सिद्ध हुआ ? - -
SR No.009453
Book TitleJain Siddhant Prashnottara Mala Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendra Jain
PublisherKundkund Kahan Parmarthik Trust
Publication Year
Total Pages419
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size1 MB
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