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________________ प्रकरण दसवाँ मोक्षमार्ग अधिकार पञ्च भाव - चतुर्दश गुणस्थान प्रश्न 1 - (1) काललब्धि, (2) भवितव्य (नियति), (3) कर्म के उपशमादि, (4) पुरुषार्थ पूर्वक उद्यम - इनमें से किस कारण द्वारा मोक्ष का उपाय बनता है ? उत्तर - [1] मोक्ष के प्रयत्न में पाँच बातें एक साथ होती हैं; अर्थात् जीव जब अपने (1) ज्ञायक स्वभावसन्मुख होकर (2) पुरुषार्थ करता है तब (3) काललब्धि, (4) भवितव्य और (5) कर्म की उपशमादि अवस्था - यह पाँचों बातें धर्म करनेवाले को एक ही साथ होती हैं; इसलिए उसके पाँच समवाय (मिलाप, एकत्रपना) कहते हैं। [2] श्री समयसार नाटक, सर्वविशुद्धि द्वार (पृष्ठ 335) में कहा है कि - इन पाँच को सर्वांगी मानना, वह शिवमार्ग है और किसी एक को ही मानना, वह पक्षपात होने से मिथ्या मार्ग है। प्रश्न 2 - काललब्धि क्या है?
SR No.009453
Book TitleJain Siddhant Prashnottara Mala Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendra Jain
PublisherKundkund Kahan Parmarthik Trust
Publication Year
Total Pages419
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size1 MB
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