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________________ प्रकरण दूसरा प्रश्न 5 - जिस प्रकार थैली में रुपये हैं, उसी प्रकार द्रव्य में गुण होंगे? उत्तर - नहीं। प्रश्न 6 - तो फिर द्रव्य में गुण किस प्रकार रहते हैं ? उत्तर - जिस प्रकार गुड़ में मिठास, रङ्ग आदि एकमेकरूप से रहते हैं, उसी प्रकार द्रव्य में गुण एकमेकरूप से रहते हैं। प्रश्न 7 - गुण की व्याख्या में से क्षेत्रवाचक और कालवाचक शब्द बतलाइये? उत्तर - 'सम्पूर्ण भाग में' - यह क्षेत्र बतलाता है; 'सर्व अवस्थाओं में' - यह काल बतलाता है। प्रश्न 8 – 'सम्पूर्ण भाग में' - इस कथन से क्या समझें? उत्तर - जितना द्रव्य का क्षेत्र है, उतना ही गुणों का क्षेत्र होता है; किसी का क्षेत्र कभी छोटा-बड़ा नहीं होता। प्रश्न 9 - 'सर्व अवस्थाओं' का क्या तात्पर्य? उत्तर - द्रव्य की तीनों काल की अनादि-अनन्त अवस्थाएँ। प्रश्न 10 - द्रव्य पहले या गुण? उत्तर - दोनों अनादि अनन्त होने से पहले या पश्चात् कोई नहीं है। प्रश्न 11 - संख्या अपेक्षा से द्रव्य, गुण और पर्याय की तुलना करो। उत्तर - द्रव्य एक और उसके गुण तथा पर्यायें अनेक।
SR No.009453
Book TitleJain Siddhant Prashnottara Mala Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendra Jain
PublisherKundkund Kahan Parmarthik Trust
Publication Year
Total Pages419
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size1 MB
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