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श्री जैन सिद्धान्त प्रश्नोत्तरमाला
उत्तर - (1) आकाश के एक प्रदेश में सर्व परमाणुओं को स्थान देने का सामर्थ्य है ।
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(2) सर्व परमाणुओं और सूक्ष्म स्कन्धों को अवकाश देने में वह एक प्रदेश समर्थ हैं । ( वृहद् द्रव्यसंग्रह, गाथा 27 और उसकी टीका) प्रश्न 52 - छह द्रव्यों में क्षेत्रान्तररूप क्रियावती' शक्तिवाले कितने और परिणमनरूप भाववतीशक्तिवाले कितने द्रव्य हैं ?
उत्तर - जीव और पुद्गल यह दो द्रव्य क्षेत्रान्तर करने की शक्तिवाले होने से क्रियावतीशक्तिवाले हैं और छहों द्रव्य निरन्तर परिणमनशील होने से भाववतीशक्तिवाले हैं ।
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प्रश्न 53
अनन्त पुद्गल परमाणु तथा सूक्ष्म स्कन्ध, लोकाकाश के एक प्रदेश में अवगाहना प्राप्त करें - एक प्रदेश को रोकें, तो एक-दूसरे को बाधा होगी या नहीं ?
उत्तर - नहीं; सर्व पदार्थों को एक ही काल में अवकाशदान देने का असाधारण गुण आकाश का है, तथा दूसरे सूक्ष्म पदार्थ में अवकाशदान देने का गुण है। एक आकाश प्रदेश में अमर्यादित अवकाशदान शक्ति है।
प्रश्न 54 ऐसे कौन से द्रव्य हैं कि जो मात्र क्रियावतीशक्तिवाले द्रव्यों को ही निमित्त हों ?
उत्तर जीव और पुद्गलद्रव्य ही क्रियावतीशक्तिवाले - गति करनेवाले और गतिपूर्वक स्थिर होनेवाले द्रव्य हैं; उन्हें अनुक्रम से धर्मास्तिकाय और अधर्मास्तिकाय निमित्त हैं ।
1. जीव और पुद्गल में क्रियावतीशक्ति नाम का गुण नित्य है । उस शक्ति के कारण वे दोनों द्रव्य उस समय की योग्यतानुसार स्वतः गमन करते हैं या स्थिर रहते हैं। कोई द्रव्य ( जीव या पुद्गल ) एक दूसरे को गमन या स्थिर नहीं करा सकता )