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गागर में सागर
श्री जिन तारणतरणस्वामी विरचित ज्ञानसमुच्चयसार की ४४, ५६, ७६ और ८६७वीं गाथाओं एवं भगवान महावीर और उनकी अहिंसा पर डॉ० हुकमचन्द मारिल्ल के प्रवचन
सम्पादक :
पण्डित रतनचन्द भारिल्ल
शास्त्री, न्यायतीर्थ, साहित्यरत्न, एम. ए., बी. एड. प्राचार्य, श्री टोडरमल दिगम्बर जैन सिद्धान्त महाविद्यालय ए-४, बापूनगर, जयपुर-३०२०१५
प्रकाशक :
पण्डित टोडरमल स्मारक ट्रस्ट ए-४, बापूनगर, जयपुर-३०२०१५