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अयोध्या समस्या पर वार्ता (६ दिसम्बर, १९९२ को अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहाये जाने पर)
६ दिसम्बर, १९९२ को अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के बाद मन्दिर-मस्जिद विवाद के कारण सम्पूर्ण देश में उत्तेजना फैली हुई थी; देश में दंगे-फसाद हो रहे थे। तब जयपुर दूरदर्शन के स्टूडियो में डॉ. भारिल्ल, न्यायाधीश कुदाल साहब आदि गणमान्य व्यक्तियों का वार्ता कार्यक्रम रखा गया। डॉ. भारिल्ल की वार्ता के प्रमुख अंश निम्न प्रकार से हैं :
प्रश्न - अयोध्या में राम मन्दिर एवं बाबरी मस्जिद विवाद के कारण सम्पूर्ण भारत का वातावरण अशान्त बना हुआ है। आज डॉ. भारिल्ल हमारे बीच उपस्थित हैं, आप आध्यात्मिक चिन्तक हैं । आध्यात्मिक आस्था से यह मामला जुड़ा हुआ है। आपकी इसके बारे में क्या राय है ?
डॉ. साहब - मर्यादापुरुषोत्तम महापुरुष भगवान राम भारत के रोम-रोम में समाए हुए हैं। इसलिए भारत के सबसे ज्यादा आस्था पुरुष यदि कोई हैं तो वे राम हैं । सारी दुनिया जानती है कि राम का जन्म अयोध्या में हुआ था। उनका साम्राज्य अयोध्या में था। इसलिए उनका मन्दिर अयोध्या में नहीं बनेगा तो और कहाँ बनेगा? मन्दिर तो वहाँ बनना ही चाहिए और इतना अच्छा बनना चाहिए कि दुनिया देखती ही रह जाए।