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________________ जिनवाणी सुरक्षा आन्दोलन की संक्षिप्त रुपरेखा 161 सभी महानुभाव पंक्तिबद्ध कई पंक्तियों में खड़े होंगे और संयोजक एवं मुख्य अतिथि उनके सामने खड़े होंगे। सभी लोग बायें हाथ पर पीली पट्टी बाँधे होंगे और सभी के पास प्रार्थना पुस्तिका होगी। महावीर वन्दना और मेरी भावना का सभी लोग सामूहिक पाठ करेंगे और पुस्तिका में दूसरे पृष्ठ पर छपी गद्य प्रार्थना के एक-एक वाक्य को मुख्य अतिथि पहले बोलेंगे, उसके बाद उनके अनुकरण पर सभी लोग बोलेंगे। 1 प्रार्थना समाप्त होने पर लोग शान्त भाव से तबतक खड़े रहेंगे, जबतक कि प्रार्थना सभा में सम्मिलित लोगों की गणना नहीं हो जाती । गणना की विधि यह रहेगी - प्रत्येक पंक्ति का अन्तिम व्यक्ति प्रत्येक व्यक्ति को गिनते हुए प्रथम व्यक्ति तक आवेगा और उसे संख्या बता देगा; उसके बाद संयोजक प्रत्येक पंक्ति के प्रथम व्यक्ति के पास जाकर उनसे संख्या पूछकर डायरी में नोट करेगा । तत्काल सबका जोड़ लगाकर सबको बतायेगा कि आज की संख्या कितनी रही है ? इसके बाद प्रार्थना सभा समाप्त होगी और सभी व्यक्ति पीली पट्टी बाँधेबाँधे ही घर जावेंगे। प्रार्थना सभा की संख्या की जानकारी संयोजक उसी दिन की डाक से केन्द्रीय कार्यालय को भेज देंगे। संयोजक इस बात का ध्यान रखेंगे कि पुरुषों की पंक्तियाँ अलग हों एवं महिलाओं की पंक्तियाँ अलग। प्रत्येक पंक्ति का प्रथम व अन्तिम व्यक्ति ऐसा हो, जो गणना को सही कर सके । यदि आवश्यकता हुई तो हम सामूहिक उपवास के तृतीय चरण में प्रवेश करेंगे। तृतीय चरण में जहाँ तक संभव हो, जिनमंदिर में, अन्यथा स्वाध्यायभवन, धर्मशाला या सार्वजनिक स्थान पर एक दिन का उपवास करेंगे; जिसमें दिन भर सभी लोग निराहार रहेंगे, मात्र बालक, वृद्ध, बीमार और अशक्त लोग दवा और पानी ले सकते हैं। दिनभर पूजन, विधान, वैराग्यभावना - बारह भावना आदि का पाठ, स्वाध्याय एवं प्रवचन आदि कार्यों में ही संलग्न रहेंगे; कोई भी व्यक्ति उत्तेजनात्मक व्याख्यान नहीं देंगे, उत्तेजना उत्पन्न करनेवाली चर्चा भी नहीं करेंगे। विकथा तो कोई करेगा ही नहीं, सभी तत्त्वचर्चा में ही संलग्न रहेंगे । सम्पूर्ण कार्यक्रम में हाथ पर पीली पट्टी अवश्य बाँधे रहेंगे।
SR No.009446
Book TitleBikhare Moti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHukamchand Bharilla, Yashpal Jain
PublisherTodarmal Granthamala Jaipur
Publication Year2001
Total Pages232
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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