________________
53
सुखी होने का सच्चा उपाय
व्याख्यान उन्हें इतना मार्मिक लगा कि इसके टेप न कर पाने का उन्हें बहुत दुःख हुआ । उन्होंने हमसे अनुरोध किया कि यह व्याख्यान यदि आगे आप और कहीं करें तो हमें इसका कैसेट अवश्य भिजवाना । जब हमने उन्हें बताया कि इसीप्रकार का एक व्याख्यान वोस्टन में हुआ है, जिसका वीडियो कैसेट भी उन लोगों ने तैयार किया है, आप चाहें तो उनसे मंगालें। - यह बात जानकर उन्हें अपार प्रसन्नता हुई ।
रोचेस्टर से हम २५ जून, १९८६ को लासएंजिल्स पहुँचे। २६ जून को गिरीश शाह के घर तत्त्वचर्चा रखी गई, जिसमें सभी अभ्यासी मुमुक्षु भाई उपस्थित थे । अतः समयसार गाथा ३०८ से ३११ के आधार पर 'क्रमबद्धपर्याय' पर गहरी चर्चा हुई । यह जानकर आपको सुखद आश्चर्य होगा कि गिरीशभाई के घर हर रविवार को २०-२५ मुमुक्षु भाई एकत्रित होते हैं और गहरी तत्त्वचर्चा करते हैं । यहाँ फिनिक्स से भी कुछ मुमुक्षु भाई आये थे । वे तीन दिन तक रहे और सभी प्रवचनों तथा चर्चा का भरपूर लाभ लिया । फिनिक्स में कार्यक्रम रखने का उनका बहुत आग्रह था, पर इसवर्ष तो संभव ही न था, अतः अगले वर्ष का आश्वासन देकर ही उन्हें संतुष्ट करना पड़ा ।।
२७ जून को रमेशभाई देशी के यहाँ चर्चा रखी गई, जिसमें आत्मानुभव पर गहरी चर्चा हुई । २८ जून रविवार को एक हॉल में व्याख्यान रखा गया । व्याख्यान के बाद चर्चा भी हुई । ___यहाँ एक जैन मन्दिर बनाया जा रहा है, जिसके लिए जमीन खरीद ली गई है । इसमें लगभग छह लाख डालर खर्च होंगे, जिसमें साढ़े तीन लाख डालर इकट्ठे भी हो चुके हैं । जैन सेन्टर के अध्यक्ष डॉ. मणिभाई मेहता एवं उपाध्यक्ष चन्द्रकान्त भाई ने हमें उसकी रूपरेखा समझाई और आगामी वर्ष होनेवाली उसकी प्रतिष्ठा पर पधारने का भावभीना आमंत्रण भी दिया ।