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किनारे एक ज्योतिषी ताते को लेकर बैठता है। कुछ पर्चियां में आदमियां का भविष्य लिखा है | वह तोता एक चिट उठाता है और आदमी के भविष्य का निर्माण कर देता है।
एक नासमझ कहलाने वाला नांदिया सिर हिलाकर आदमी के बिगड़े काम बना देता है। पाँच का नोट दिखाओ तो बैल सिर हिलाकर हाँ कर देगा, नोट न दिखाआ तो सिर न हिलाकर न कर देगा | कितना अज्ञानी है आदमी कि वह एक बैल के सिर हिलाने न हिलाने पर अपनी जिन्दगी का फैसला कर लेता है | समझदार आदमी का भविष्य एक नासमझ कहे जाने वाले जानवर के हाथ में हो गया
उस आदमी ने बंदर से सहायता माँगी । बंदर को दया आ गई और उसने अपना हाथ बढ़ाकर उस आदमी को पेड़ पर बिठा लिया । शेर ने देखा कि बंदर आदमी को पेड़ पर चढ़ा रहा है, तो उसने कहा-मूर्ख बंदर! यह मेरा शिकार है और तू इसे पनाह दे रहा है, इस आदमी से बच| आदमी जानवर से भी ज्यादा खतरनाक होता है | आदमी जानवर को ही नहीं, आदमी को भी सुख से नहीं रहने देता।
एक आदमी और कुत्ते में इतना ही अंतर है। कुत्ता अपरिचित को देखकर भौंकता है, अपरिचित को काटता है, जबकि आदमी अपरिचित को देखकर मुस्कराता है और परिचित को देखकर भौंकता है, काटता है | कुत्ते का काटा बच भी जाये, पर आदमी का काटा नहीं बचता | कुत्ता अपने मालिक से वफादारी रखता है, पर आदमी मालिक को भी नहीं छोड़ता। शेर ने कहा-इस आदमी पर ज्यादा विश्वास न कर, इसे पनाह न दे | यह वो आदमी है जो हम पर जुल्म
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