________________
भामाशाह मुद्रा स्वीकार कीजिये और आज से अपने को मेवाड़ का मन्त्री अनुभव करिये।
भामाशाह-( नतमस्तक हो मुद्रा ग्रहण कर ) महाराणा! आपका आदेश पालन करना अपना कर्त्तव्य समझता हूं। आजसे मेरे जीवन का प्रत्येक क्षण मेवाड़ की उन्नति में व्यय होगा।
प्रताप सिंह-तुम्हारी इस देशभक्ति से मुझे प्रसन्नता है । (ताराचन्द्र की ओर मुख कर ) ताराचन्द्र ! आपको मैं गोड़वाड़ प्रदेश का पदाधिकारी बनाता हूं। आशा है आप भी अपने कर्तव्य-पालन में सजग रहेंगे।
ताराचन्द्र--( सविनय ) महाराणा । आपके आदेश को मैं वरदान मानता हूं । यथासम्भव शीव्र ही अपने स्थान पर पहुंच कर कार्यभार मम्भाल लंगा।
प्रताप सिंह-( उठते हुए ) आप दोनों की इस स्वीकृति से मुझे प्रसन्नता है । आपसे यही आशा थी । (सबका गमन)
पटाक्षेप