________________
भामाशाह
मनोरमा-आपसे यह सुन कर मुझे प्रतिभास होता है कि यदि राणा इसी प्रकार यवन सम्राट् की योजनाओं से अनभिज्ञ रहे तो एक दिन बप्पा रावल और राणा सांगा की प्रिय क्रीडास्थली चित्तौड़ नगरी श्मसान बन जायेगी। __ भामाशाह तुम्हारे अनुमान में सत्यता की झांकी है। राणा की अयोग्यता ने सामन्तों की राजभक्ति को कुचल दिया है और पारस्परिक वैमनस्य शत्रु की सफलता में सहायक बन रहा है।
__ मनोरमा-(विस्मय से ) तो क्या चित्तौड़की भूमि पर रणचण्डी का द्वितीय ताण्डव नृत्य होने की सम्भावना है ?
भामाशाह-अवश्य । गुप्तचर यवनवाहिनी के इधर आनेके सम्बाद ला रहे हैं; इस संग्राम में भी राणाकी पराजय अवश्यम्भावी है । ____ मनोरमा-पराजय अनिवार्य है; पर यदि राणा रक्तकी एक बूंद रहने तक युद्धभूमि में कृपाण चलाते रहें तो उस पराजय को भी इतिहासलेखक गौरवमय कहेंगे। अन्यथा इतिहास के भावी विद्यार्थी बप्पा रावल के इस वंशधर के नाम पर थकेंगे।
भामाशाह -हस्त के कङ्कण को देखने के लिये दर्पणको आवश्यकता नहीं। निकट भविष्य में ही यवनों का आक्रमण इसका निर्णय कर देगा। वाद-विवाद व्यर्थ है ।
मनोरमा-(घड़ियाली की ध्वनि सुन कर ) नाथ ! दुर्ग की घड़ियां दो प्रहर व्यतीत हो जानेकी सूचना दे रही हैं । अब शयन करना चाहिये। भामाशाह-जैसी तुम्हारी इच्छा।
पटाक्षेप